मलेरिया का रामबाण इलाज, ये हरी पत्तियां तेज बुखार उतारने में कारगर, 3-4 दिन में हो जाएंगे फिट

कोडरमा. बारिश के मौसम में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है. चिकित्सक मच्छर के प्रकोप से बचने की सलाह भी देते हैं. फिर भी तमाम उपाय के बावजूद मच्छर कहीं न कहीं काट ही लेते हैं. संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है. डेंगू-मलेरिया जैसी घातक बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में खास उपाय बताया गया है, जो वरदान साबित हो सकता है.
जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रभात कुमार ने बताया Local 18 को बताया कि मलेरिया बुखार होने पर रोगी को ठंड लगती है. इस बुखार में शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री तक बना रहता है. साथ ही मलेरिया संक्रमण का असर रोगी के लीवर पर होता है. मलेरिया से बचने के लिए कुछ घरेलू कारगर इलाज आयुर्वेद में उपलब्ध हैं. घरेलू इलाज का सबसे बड़ा फायदा है कि इसका हानिरहित प्रभाव होता है.
हल्के बुखार में न लें ये दवाडॉक्टर ने दावा किया कि मलेरिया को ठीक करने के लिए रामबाण इलाज कालमेघ की पत्तियों का रस है. मलेरिया से पीड़ित को सुबह-सुबह खाली पेट कालमेघ पौधे के पत्ते का रस निकालकर दो-तीन दिन पिलाने से मलेरिया पूरी तरह से ठीक हो सकता है. क्योंकि यह काफी कड़वा होता है, इसे सामान्य हल्के बुखार वाले लोगों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हल्के बुखार में इसका इस्तेमाल करने से कड़वाहट की वजह से एक-दो बार उल्टी हो सकती है.
चिरायता और गिलोय का रस भी फायदेमंदआगे बताया कि चिरायता पत्ते का रस निकालकर सेवन करने से भी मलेरिया में काफी राहत मिलती है. चिरायता की तासीर ठंडी होती है, जिस व्यक्ति का शरीर ठंडा रहता हो, बुखार के साथ सर्दी-जुकाम की भी समस्या है. उन्हें चिरायता के सेवन से परहेज करना चाहिए. उन्होंने बताया कि गिलोय को मलेरिया के इलाज के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. गिलोय का काढ़ा बनाकर दिन में तीन-चार बार सेवन करने से काफी आराम मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 11:19 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.