525 शिवलिंग वाला अनोखा मंदिर, देश विदेश में कही नहीं शिव का ऐसा धाम, भक्तों की लगती है लंबी कतार
कोटा राज. सावन के पहले सोमवार पर देशभर में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को मनाने के लिए पूजा अर्चना अभिषेक करते हैं. सावन का यह महीना भगवान भोलेनाथ की शिव आराधना के लिए विशेष माना जाता है. इस सावन के महीने भगवान शिव को हर भक्त दूध बेलपत्र अर्पण करते हुए अभिषेक करता है. नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के बाद देश का इकलौता एकमात्र ऐसा मंदिर जहां मौजूद है पूरी शिव नगरी.
यहां स्वास्तिक आकार में 525 शिवलिंग मौजूद है. एक साथ 525 शिवलिंग के दर्शन करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है. मान्यता यह भी है कि 525 शिवलिंग के एक साथ दर्शन से 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का लाभ मिलता है. कोटा के थेकड़ा इलाके में मौजूद है शिवपुरी धाम सावन के पहले सोमवार पर आज भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. हजारों की संख्या में शिव भक्त शिवपुरी धाम पहुंच रहे हैं. यहां पर एक सहस्त्र शिवलिंग भी है जो की 11 फीट लंबा है.
महाशिवरात्रि और सावन पर लाखों लोग पहुंचते हैसनातन पुरी महाराज ने बताया कि दिवंगत नागा साधु राणा रामपुरी महाराज थेगड़ा में शिवपुरी धाम की जगह पर रहते थे. तब यहां पर मंदिर नहीं था. वे 1980 के आसपास नेपाल के काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए. वहां भगवान शिव को अर्पण करने के लिए प्रसाद, बेलपत्र, अगरबत्ती और मालाएं इत्यादि लेकर गए. लेकिन, मंदिर में नहीं ले जाने दिया गया.
साथ ही हर मंदिर में एक ही मूर्ति थी, जिनके दर्शन के लिए लाइन लगी थी. पूजा सामग्री को पुलिसकर्मी ले लेते थे. इसके चलते श्रद्धालुओं को चंद सेकंड ही दर्शन के लिए भगवान दिखाई देते. ऐसे में नागा साधु राणाराम पुरी ने तय किया कि ऐसा धाम बनाएंगे, जहां महाशिवरात्रि और सावन के सोमवार में लाखों लोग पूजा कर सकेंगे.
अनूठा है ये धामसाल 1986 में नागा साधु राणा रामपुरी महाराज ने ने राज परिवार से जमीन लेकर 525 शिवलिंग स्थापना करने की शुरूआत कर दी. उनका देहांत 1987 में हो गया था. जिसके बाद सनातन पुरी महाराज ने इसकी कमान संभाली और मंदिर में 525 शिवलिंग स्थापित कराए गए. जिसके बाद यह अनूठा धाम बन गया और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था यहां से जुड़ गई है.
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FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 12:27 IST