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आयुर्वेद के अनुसार पीतल, कांसा, मिट्टी, लोहे के बर्तन सबसे अच्छे

Last Updated:December 03, 2025, 23:59 IST

आयुर्वेद के अनुसार, पीतल, कांसा, मिट्टी, लोहा स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभकारी धातुएं हैं. इन बर्तनों में बना और रखा गया भोजन शरीर को पोषण, ऊर्जा और रोगों से सुरक्षा देता है. सही बर्तन चुनकर आप अपने रोज के खाने को भी औषधि जैसा बना सकते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार इन बर्तन में बना खाना होता है औषधी

किस धातु के बर्तन में खाना सबसे अच्छा बनता है? आयुर्वेद में बर्तनों का बहुत महत्व बताया गया है. सही बर्तन न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि उसे औषधि जैसा गुणकारी भी बनाते हैं.

आयुर्वेद के अनुसार, खाना किस धातु में पकाया गया है, इससे उसकी गुणवत्ता 30–40% तक बदल सकती है. आजकल रसोई में स्टील, एल्युमिनियम और नॉन-स्टिक बर्तन ज्यादा दिखते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए कुछ पारंपरिक धातुएं सबसे बेहतर मानी गई हैं.

पीतल के बर्तन – पाचन सुधारने वालेपीतल को आयुर्वेद में बहुत शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक माना गया है. इसमें पकाया गया खाना सत्व बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है और पाचन को बेहतर बनाता है.पीतल में बनी दाल या खिचड़ी में प्रोटीन और पोषक तत्व शरीर को अधिक आसानी से मिलते हैं. माना जाता है कि भोजन की बायोअवेलेबिलिटी लगभग 30% तक बढ़ जाती है. दाल, सब्जी और कढ़ी बनाने के लिए पीतल के बर्तन आदर्श माने जाते हैं.

कांसा – रोग प्रतिरोधक बढ़ाने वालाकांसा (ब्रॉन्ज) को आयुर्वेद में त्रिदोष-नाशक माना गया है. यह वात और पित्त को संतुलित करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.कांसे की थाली और कटोरी में रखा खाना अधिक समय तक सुरक्षित रहता है. माना जाता है कि इसमें भोजन करने से जठराग्नि बढ़ती है और हीमोग्लोबिन में सुधार होता है.

मिट्टी के बर्तन – प्राकृतिक और पौष्टिकमिट्टी के बर्तनों में खाना धीमी आंच पर पकता है, जिससे उसके पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं. मिट्टी में पकाया खाना हल्का अल्कलाइन हो जाता है, जो पेट के लिए लाभदायक होता है. दाल, खिचड़ी, बिरयानी और दही बनाने के लिए मिट्टी के बर्तन सबसे अच्छे हैं. मिट्टी के बर्तन में जमाई दही में प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं.

लोहे के बर्तन – आयरन का प्राकृतिक स्रोतलोहे की कड़ाही या बर्तन में बना खाना शरीर को प्राकृतिक आयरन देता है. पालक, दाल या अन्य व्यंजन लोहे की कड़ाही में बनाने से उसमें 8–10 मिलीग्राम अतिरिक्त आयरन मिल सकता है. यह आयरन शरीर में आसानी से अवशोषित होता है, इसलिए हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है. महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है.

About the Authorशारदा सिंहSenior Sub Editor

शारदा सिंह बतौर सीनियर सब एडिटर Hindi से जुड़ी हैं. वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्यू पर आधारित रिपोर्ट्स बनाने में एक्सपर्ट हैं. शारदा पिछले 5 सालों से मीडिया …और पढ़ें

First Published :

December 03, 2025, 23:59 IST

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आयुर्वेद के अनुसार इन बर्तन में बना खाना होता है औषधी

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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