ACP Vs ASP: एसीपी और एएसपी में क्या होता है अंतर? जानें इनके काम करने के तरीके
ACP Vs ASP: ACP का फुल फॉर्म असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस होता है जबकि ASP का मतलब असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस है. ACP केवल भारतीय पुलिस सेवा (IPS) द्वारा महानगरीय क्षेत्रों में पोस्टिंग किया जाता है. दुनिया भर में पुलिस बलों में इस्तेमाल होने वाला रैंक ACP है. यह एक रैंक है जिसका उपयोग कई देशों में राजस्व प्रशासन जैसे आयकर, संपत्ति, अंतर्देशीय, सीमा शुल्क आदि में भी किया जाता है. ASP रैंक रखने वाला अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा से संबंधित होता है. हालांकि, एक IPS अधिकारी के करियर के दूसरे वर्ष तक ASP एक प्रोवेशनरी रैंक है, जो केवल अधिकारियों को मिलती है. जब वे सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में प्रशिक्षण में होते हैं.
ACP (Assistant Commissioner of Police)
ACP को असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस भी कहा जाता है. अगर ACP के कर्तव्यों की बात करें, तो किसी भी अपराध, अपराध और विवाद से नागरिकों की रक्षा करना भी उनकी पृष्ठभूमि का कर्तव्य है. एक ACP भी सार्वजनिक या सरकारी संपत्तियों और संगठनों की रक्षा करता है. क्षेत्र में अपराध या अपराध को कम करना ACP की जिम्मेदारी है. आमतौर पर शहर में एक ही ACP होता है, लेकिन अगर शहर मेट्रो है तो शहर में एक से ज्यादा ACP की नियुक्ति हो सकती है. जब कोई नागरिक ACP के पास कोई शिकायत लेकर आता है तो ACP का यह दायित्व बनता है कि वह उस शिकायत को ध्यान से सुने. शिकायतों को सुनने के अलावा ACP को उस समस्या के समाधान के लिए पहल करनी होती है. एक ACP को शिकायतों और अन्य महत्वपूर्ण डेटा का रिकॉर्ड बनाए रखना होता है. इलाके की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना भी एक ACP की जिम्मेदारी होती है. उग्रवादी गतिविधियों और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखना भी एक असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी होती है.
ASP (Assistant Superintendent Of Police)
ASP का मतलब असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस है. ASP रैंक का इस्तेमाल भारत के भीतर पुलिस बलों द्वारा किया जाता है. ASP रैंक रखने वाला एक अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से संबंधित है. प्रत्येक IPS अधिकारी ने ASP से अपना पुलिस करियर शुरू किया होता है. असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) अभी भी भारत में इस्तेमाल में है, जहां इस रैंक वाले अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा से हैं. हालांकि असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस एक प्रोवेशनरी रैंक (एक IPS अधिकारी के करियर के दूसरे वर्ष तक) है और SVPNPA में ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों द्वारा पहना जाता है. स्टेट कैडर ऑफिसर इस रैंक को धारण नहीं कर सकते हैं. वे DSP यानी डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस रैंक रखते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 16, 2023, 07:00 IST