Actor Sonu Sood Seeks Help From Dr. Rahil Chaudhary – एक्टर सोनू सूद ने डॉ. राहिल चौधरी से एक महिला के आंखों के इलाज के लिए मांगी सहायता

— कोरोना काल में देशभर में अपने सेवाभाव और कार्यों के जरिए सुर्खियां बटोर चुके हैं सोनू सूद

जयपुर. देशभर में कोरोना काल में लोगों की मदद कर एक अलग पहचान बनाने वाले एक्टर सोनू सूद एक बार फिर से चर्चाओं में आए हैं। उन्होंने हाल ही में दिल्ली स्थित नेत्र रोग विशेषज्ञ और ‘आई 7 चौधरी आई सेंटर’ के निदेशक डॉ. राहिल चौधरी से एक महिला मरीज के आंखों के इलाज के लिए संपर्क किया है। कानपुर की किरण सरोज एक्टर सोनू के घर के बाहर तीन दिनों से मदद की आस लगाएं इंतज़ार कर रही थी। जब सोनू से उनकी मुलाक़ात हुई तो सोनू ने उन्हें दिल्ली स्थित जाने माने ओफ्थल्मोलॉजिस्ट, डॉ. राहिल चौधरी से मिलने को कहा। इस बात का खुलासा हाल ही में डॉ राहील के यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ किये गए एक वीडियो से हुआ । डॉ राहिल भारत में कंटौरा विजन लेजर स्पेक्स रिमूवल सर्जरी के एक्सपर्ट माने जाते हैं।
डॉ राहिल के बारे में विस्तार से बात करें तो वह दिल्ली स्थित एक अवॉर्ड विनिंग नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। इनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है, उन्होंने भारत में की गई अधिकतम और सबसे तेज लेजर स्पेक्स हटाने की सर्जरी का रिकॉर्ड बनाया था। डॉ. राहिल चौधरी को वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 में ऑल इंडिया ऑप्थेलमिक सोसाइटी की ओर से प्रतिष्ठित “इंटरनेशनल हीरो इन ऑप्थल्मोलॉजी” नामक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
इतना ही नहीं उन्हें यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कैटरेक्ट द्वारा “जॉन हेनाहन” पुरस्कार की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। राहिल भारत में मोतियाबिंद सर्जरी में टॉरिक मार्किंग के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करने वाले पहले व्यक्ति बने। उन्हें डेनमार्क में ईसीएसआरएस में “प्रैक्टिस मैनेजमेंट अवॉर्ड” से भी सम्मानित किया गया है।
राहिल ने अमेरिका के बोस्टन के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से वर्ष 2019 में डिग्री ली है। और सुपर स्पेशियलिटी नेत्र अस्पतालों की एक श्रृंखला चला रहा है जो नई दिल्ली में स्थित है। चौधरी नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न नवाचारों का भी हिस्सा रहे हैं। वह स्मार्ट फोन की शक्ति और दवा में उनके प्रभावी उपयोग के बारे में डॉक्टरों को शिक्षित करने में सक्रिय रहे हैं। वह मोतियाबिंद सर्जरी में टोरिक एक्सिस मार्किंग सिस्टम पेश करने वाले पहले व्यक्ति थे, जो सर्जनों को अत्यधिक लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करते थे। वह भारत में नेत्र विज्ञान में वीडियो टेली-मेडिसिन प्रणाली शुरू करने वाले पहले व्यक्ति भी थे। वह नए डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करता रहा है जो निजी प्रैक्टिस करना चाहते हैं।