Health

हल्के कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित लोगों को अनिद्रा का खतरा:शोध

नई दिल्ली. जिन कोविड पीड़ितों को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, उनमें अनिद्रा की समस्‍या आम नजर आई। फेनिका यूनिवर्सिटी वियतनाम की एक टीम का लक्ष्य हल्के कोविड रोगियों में इसके प्रभाव का पता लगाना था। फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित लेख में टीम ने पाया कि उनके प्रारंभिक संक्रमण की गंभीरता उनके द्वारा अनुभव की गई अनिद्रा की गंभीरता से मेल नहीं खाती है। हालांकि, बिना लक्षण वाले कोविड रोगियों को अनिद्रा सूचकांक में कम अंक मिले, लेकिन अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं था।

विश्वविद्यालय के मुख्य लेखक हुआंग टी. एक्स. होआंग ने कहा, ”यदि अनिद्रा आपको ज्यादा परेशान नहीं करती है, तो आप कुछ सरल कदम उठा सकते हैं, जैसे सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करना, बिस्तर पर जाने से कम से कम एक घंटे पहले अपना फोन बंद करना, प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करना और शाम 4 बजे के बाद कैफीन से परहेज कर सकते हैं।”

उन्‍होंने कहा कि यदि नींद वास्तव में आपको परेशान करती है तो आप कुछ ओवर-द-काउंटर नींद सहायता आजमा सकते हैं। यदि वे मदद नहीं करते हैं तो आप किसी स्लीप थेरेपिस्ट के पास जा सकते हैं। शोध के लिए टीम ने 18 वर्ष से अधिक आयु के 1,056 लोगों को भर्ती किया, जिनमें कोविड का निदान किया गया था, लेकिन, पिछले छह महीनों में उन्‍हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया था। साथ ही जिनको नींद न आने की कोई समस्‍या नहीं थी। उन्होंने इन लोगों को जून और सितंबर 2022 के बीच पूरा करने के लिए एक सर्वेक्षण भेजा।

लगभग 76.1 प्रतिशत प्रतिभागियों ने अनिद्रा का अनुभव किया, इनमें से 22.8 प्रतिशत लोगों ने गंभीर अनिद्रा की शिकायत की। आधे प्रतिभागियों ने कहा कि वे रात में अधिक बार जागते हैं, जबकि एक तिहाई ने कहा कि उन्हें सोने में कठिनाई होती है, उनकी नींद खराब होती है और वे कम समय तक सोते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन लोगों को पहले से कोई पुरानी बीमारी थी और जिन लोगों में अवसाद या चिंता के लक्षण उच्च स्तर के थे, उनमें सांख्यिकीय रूप से अनिद्रा की उच्च दर देखी गई।

दोनों समूहों ने अपने साथियों की तुलना में अनिद्रा की अधिक दर देखने को मिली। जब वैज्ञानिकों ने उन रोगियों को देखा जिन्होंने अनिद्रा की शिकायत की थी तो उनके अवसाद और चिंता के अंक पूरे नमूने के औसत अंकों से अधिक थे। हालांकि, ये बीमारियां एक-दूसरे से पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हैं। टीम ने कहा कि अनिद्रा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को खराब कर सकती है, साथ ही इसका कारण खराब मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी हो सकता है।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj