Rajasthan

after 300 years triangular conjunction of planets and stars on mahashivratri – News18 हिंदी

कालू राम जाट/दौसा:- इस साल महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा. महादेव मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी इस दिन विशेष धार्मिक कार्यक्रम होते हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा भजन-संध्या के साथ रात्रि जागरण कार्यक्रम होते हैं. इस बार महाशिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. 300 साल बाद ग्रह नक्षत्रों का त्रिकोणीय दुर्लभ और शुभ संयोग होने से इस बार महाशिवरात्रि खास रहेगी.

महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर-तरण, मकर, कुंभ राशि भी चंद्रमा की साक्षी रहेगी. कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध का युति संबंध रहेगा. ये योग तीन शताब्दी में एक या दो बार बनते हैं. जब नक्षत्र, योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है. इस बार महाशिवरात्रि पर यह त्रिकोणीय योग बनेगा.

इस दिन बन रहा दुर्लभ संयोग
इस दुर्लभ योग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. पंचामृत, अभिषेक, षोडशोपचार या पंचोपचार पूजन, अष्टाध्यायी, रुद्र, लघु रुद्र, महारुद्र के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है. साल में आने वाली 12 शिवरात्रि में महाशिवरात्रि का अलग महत्व है. शिव भक्त महाशिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव रूप में मनाते हैं. 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व ग्रहों की शुभ युति, शिवयोग के सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाता है.

व्रत करने से होगी परमसिद्धि की प्राप्ति
आचार्य संतोष चंद्र पांडेय ने बताया कि महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव पूजा करने और व्रत रखने से परमसिद्धि मिलती है. सर्वार्थ सिद्धि योग धन लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष शुभ माना जाता है. इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य, बिजनेस या फिर नौकरी में नई शुरुआत करना फलदायी माना गया है. सालों बाद ऐसा अद्भुत संयोग आता है, ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए समृद्धि पाने का अवसर है.

नोट:- पिता की मौत के बाद तोड़ दी परंपरा, बेटों ने किया कुछ ऐसा काम, सात पीढ़ियां रखेंगी याद

इस मंत्र का करें जाप
आचार्य संतोष चंद्र पांडेय ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करना शुभ होता है. इससे श्रद्धालु के जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर होती हैं और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. दही से रुद्राभिषेक करने से आर्थिक क्षेत्र में आ रही सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं. वहीं, गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. शिव अभिषेक के दौरान 108 बार ‘ओम पार्वती पतये नमः’ मंत्र का जाप करने से जीवन में अकाल संकट से बचा जा सकता है. पति-पत्नी अगर एक साथ शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं, तो उनका वैवाहिक जीवन सुख में रहता है.

Disclaimer: यह समाचार सिर्फ पाठकों/दर्शकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों/दर्शकों तक महज सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी. Local 18 इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है.

Tags: Dausa news, Local18, Lord Shiva, Mahashivratri, Rajasthan news

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj