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गेंहू की कटाई के बाद खेत में जरूर करें ये काम, मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी, पैदावार में नहीं आएगी कमी

Last Updated:March 30, 2025, 08:39 IST

Agriculture News: कृषि विज्ञान केंद्र सिरोही के अनुसार किसान को मिट्टी व पानी के नमूने लेकर नजदीकी लैब में जांच करवानी चाहिए. इससे मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा और फसलों में कौन सी खाद कब व कितनी मात्…और पढ़ेंगेंहू की कटाई के बाद खेत में जरूर करें ये काम, मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी

गेंहू की खेती

प्रदेश में होली तक गेंहू की फसल कटाई हो जाती है. गेहूं की कटाई के बाद मिट्टी की जांच जरूर करवानी जरूरी है. इससे मिट्टी में जिन तत्वों की कमी हो गई है. उसकी जानकारी आसानी से मिल जाती है.

कृषि विज्ञान केंद्र सिरोही के अनुसार किसान को मिट्टी व पानी के नमूने लेकर नजदीकी लैब में जांच करवानी चाहिए. इससे मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा और फसलों में कौन सी खाद कब व कितनी मात्रा में डालनी है. ये जानकारी सही से मिल पाती है. जांच से मिट्टी में खराबी और जरूरी पोषक तत्वों का पता लगता है. इससे किसान समय पर मिट्टी का उपचार कर अपने उत्पादन को जल्दी बढ़ाने और नुकसान से बच सकते हैं. गेंहू की कटाई के बाद मिट्टी में क्षारीयता, लवणीयता और अम्लीयता आ जाती है. इनको दूर करने के लिए किसान ये उपाय अपना सकते हैं.

कम्पोस्ट खाद है लाभदायकसामान्य मिट्टी की सेहत अच्छी बनाने के लिए गोबर की खाद या कम्पोस्ट बहुत फायदेमंद होती है. अब गेहूं कटाई के बाद और जून में धान और मक्का की बुवाई के बीच 50-60 खेत खाली रहते हैं. इस दौरा खेत में मूंग की खेती की जा सकती है. जून महीने में धान की रोपाई के एक-दो दिन पहले या मक्का वोने से 10-15 दिन पहले खेत की जुताई कर देनी चाहिए, इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है.

धान की कर सकते हैं बुवाईकटाई के बाद ज्यादा क्षारीय मिट्टी में धान की लवण सहनशील किस्में जैसै सीएसआर-36 या सीएसआर 56 किस्म की बुवाई की जा सकती है. धान की तीन से चार सप्ताह की पौध को खेत में अच्छी बुवाई की जा सकती है. इसमें प्रत्येक लाइन में 3 से 4 पौधे, एक दूसरी हिल से 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी जरूरी है. खेत में जलभराव पर पहले महीने  में फसल वृद्धि पर नजर रखें.

हरी खाद उगाना मिट्टी के लिए फायदेमंदमिट्टी में कार्बनिक पदार्थ और नाइट्रोजन की आपूर्ति के लिए गर्मियों में लवण सहिष्णु ढेंचा की हरी खाद उगाई जा सकती है. रबी सीजन की फसल में शुरुआती चरण के दौरान जलभराव के कारण फसल में पीलापन आ जाता है. इससे बचने के लिए हल्की सिंचाई करनी चाहिए. पोषण तत्वों की कमी के कारण होने वाले तनाव से बचने के लिए सही पोषक तत्व प्रबंधन कार्यक्रम का पालन करने से उत्पादन में बढोत्तरी होती है.

Location :

Sirohi,Rajasthan

First Published :

March 30, 2025, 08:39 IST

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गेंहू की कटाई के बाद खेत में जरूर करें ये काम, मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी

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