यहां 40 साल से बरकरार है आलू टिक्की का स्वाद, कुछ ही घंटो में चट हो जाती हैं 100 से ज्यादा प्लेट

रविंद्र कुमार/ झुंझुनूं.राजस्थान के जायके के चर्चे देश-विदेश में है. हालांकि यहां के स्ट्रीट फूड के स्वाद की चर्चा होतो हर जिले-हर गली से स्वाद का खजाना मिलना आम बात है.स्ट्रीट फूड की श्रेणी में बातझुंझुनू के रोडवेज बस डिपो के पास में एक नंबर रोड पर पिछले 40 साल से बेच रहे हैं आलू टिक्की की करे तो यहां कि आलू टिक्की का स्वाद में शेखावटी तड़का मिलता है. इनकोअकेला देखकर कोई भी उम्मीद नहीं कर पाएगा कि स्वाद इतना है.यहां सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक 100 से ज्यादा प्लेटें,बिक जाती हैं. इन की आलू टिक्की खाने के लिए लोग लाइन में लगकर इंतजारकरते हैं.
आलू टिक्की का ठेला चलाने वाले सुनिल ने बताया किउनका यहठेला पिछले चालीस साल से यहां पर संचालित है. पहले उनके पिता इस पर टिकिया बेचते थे, अब वो ख़ुद पिछले 20 साल से टिकिया बेच रहे हैं.इन की टिकिया का स्वाद इतना लाजवाब है की लोग मंडावा, चिड़ावा से इन के टिकिया खाने के लिए आते हैं, उन्होने बताया की वो टिकिया बनाते समय साफ सफ़ाई का पूरा ध्यान रखते है.टिकिया के साथ छोले दही के साथ मीठी चटनी टिकिया के स्वाद में चार चांद लगा देती हैं.
टिकिया ठेला संचालक सुनील कुमार ने बताया कि वो हर ₹40 प्लेट बेचते है.सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक लगभग 100 से ज्यादा प्लेटें उनकी बिक जाती हैं. उसके बाद चाहे कितनी ही कस्टमर क्यों ना हो वह और आलू टिकिया नहीं बनाते है.उन्होंने बताया कि वह सिर्फ साधारण तरीके से अपनी आलू टिकिया बनाते है.उनकी आलू टिकिया खाने वाले ग्राहक ही उनके सवाद के प्रशंसा करते हैं.वह आलू को घर से उबाल के लाते हैं उसके बाद रेडी पर खीरे लगाकर उनसे उनकी सिकाईकरते हैऔर कस्टमर को गरम-गरम आलू टिकिया छोलों के साथ में दही के साथ में परोसते है.इनका एक आलू टिक्की की प्लेट खाने के बाद कस्टमर को दिनभर कुछ खाने की जरूरत नहीं रहती है .सवाद भी इतना बेहतरीन कि आलू टिकिया खाने वाला हर एक ग्राहक उनकी प्रशंसा करता है.
दूसरी सबसे बड़ी खास बात यह है कि इनके ठेले पर कहीं पर भी आपको कोई भी नाम लिखा हुआ नजर नहीं आएगा. बस इनकी पहचान ऐसी की जो एक बार खाता है वह दोबारा वहां पर उनकी आलू टिकिया खाने के लिए जरूर पहुंचता है.
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FIRST PUBLISHED : July 21, 2023, 16:29 IST