सीमा हैदर के बाद भारत में एक और पाकिस्तानी दुल्हनिया, प्यार में कर बैठी सरहद पार, अब कर रही किसका इंतजार?
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चूरूः सीमा हैदर के अलावा भी भारत में एक और पाकिस्तानी दुल्हनिया है. वह पिछले तीन महीने पहले प्यार की खातिर देश की सरहद पार कर बैठी. वह भारत पहुंची और अपने प्रेमी के साथ खुशी-खुशी रहने लगी. लेकिन अब उसे भारत और चूरू जिले का रेगिस्तान इतना भा गया है कि वह यहां से कहीं नहीं जाना चाहती. हालांकि उसे अपनी ससुराल में रहने के लिए लॉन्ग टर्म वीजा की जरूरत है. फिलहाल मेहविश का वीजा छह महीने के लिए बढ़ाया गया है. अब वह लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई करना चाहती है.
प्यार में सरहद के बंधन को तोड़कर पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली 25 साल की मेहविश को राजस्थान के रेतीले धोरे रास आ रहे हैं. वह चूरू के गांव पिथिसर में दो बच्चों के पिता रहमान से निकाह कर अब यहां की ही हो जाना चाहती है. मेहविश ने अपने वीजा की अवधि 6 महीने तक बढ़वा ली है और अब वह भारतीय नागरिकता लेना चाहती है. 6 महीने की वीजा अवधि बढ़ने के बाद गृह मंत्रालय की एक टीम भी चूरू के गांव पिथिसर पहुंची.
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3 महीने की वीजा अवधि पूरा होने के बाद मेहविश ने 6 महीने के लिये अपना वीजा बढ़ाया. अब वह लांग टर्म वीजा के लिये अप्लाई करेगी. इधर रतननगर पुलिस भी मेहविश पर लगातार नजर बनाए हुए है. मेहविश अभी रहमान के साथ अपने ससुराल में रह रही है और रहमान की पहली पत्नी से रहमान का केस चल रहा है. रहमान की पहली पत्नी फरीदा बच्चों सहित अपने पीहर भादरा में ही रह रही है.
आपको बता दें कि, मेहविश पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली है. जब वह 2 साल की थी तो उसकी मां का देहांत हो गया और करीब 15 साल पहले उसके पिता जुल्फीकार का भी इंतकाल हो गया. 12 साल पहले वह अपनी बहन साहिमा के पास इस्लामाबाद आ गई थी. जहां उसने 2 महीने तक ब्यूटी पार्लर का काम सीखा. वह पिछले 10 साल से ब्यूटी पार्लर का काम कर रही है. साल 2006 में बादामी बाग के एक व्यक्ति खुर्रम शहजाद से उसकी शादी हुई थी. उसके पहले पति से दो बेटे है जिनकी उम्र 12 साल और 7 साल है.
शादी के बाद उसके पहले पति ने उसे छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली. महविश का पहले पति से तलाक 2018 में हुआ था. जब वह अकेले जिंदगी बिता रही थी उस वक्त उसकी साल 2020 में इमो पर जान पहचान चूरू के गांव पिथिसर के रहने वाले 30 साल के रहमान से हुई. दोनों मोबाइल पर बातें करने लगे और इनका प्यार परवान चढ़ने लगा. महविश ने अपने बहन और बहनोई से बातचीत कर रहमान को शादी के लिये प्रपोज कर दिया. प्रपोज करने के तीन दिन बाद साल 2022 में मेहविश ने रहमान से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शादी कर ली. इस वक्त रहमान कुवैत में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय कर रहा था.
साल 2023 में मेहविश उमरा गई जहां रहमान भी पहुंच गया और दोनों ने मक्का में निकाह कर लिया. चूरू के रतननगर थाना अंतर्गत गांव पिथिसर का रहने वाला रहमान कुवैत में ट्रांसपोर्ट का कार्य करता है. दो भाइयों में रहमान बड़ा है उसका छोटा भाई सलीम गांव में ही रहता है जो खेती-बाड़ी और परचून की दुकान चलाता है. रहमान का पिता अली शेर पशुपालक और खेती-बाड़ी करता है. रहमान की शादी साल 2011 में भादरा के फरीदा के साथ हुई थी. रहमान के दो बच्चे हैं. शादी के बाद रहमान की अपनी पत्नी से अनबन हो गई.
फिलहाल फरीदा अपने पीहर भादरा में रह रही है. महविश, इस्लामाबाद से 25 जुलाई 2024 को अपने परिवार के साथ रवाना हुई थी. परिवार के लोग उसे बाघा बॉर्डर पर अकेला छोड़कर चले गए जहां पाकिस्तान सेना और भारतीय सेना ने उसके दस्तावेजों की जांच पड़ताल की. सरहद पर खड़े ससुराल के लोग उसे निजी वाहन से गांव पिथिसर ले आये.
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FIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 13:59 IST