कोलकाता कांड के बाद फिर एक ‘अस्पताल स्टाफ’ डॉक्टरों से भिड़ा, तब जगी पुलिस, लिया बड़ा फैसला

कोलकाता. कोलकाता हत्याकांड के बाद से देशभर में बवाल मचा हुआ है. सीबीआई 19 दिनों से इस मामले की जांच कर रही है. बता दें कि इस मामले का मुख्य आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय है. वह न्यायिक हिरासत में है. सीबीआई लगातार उससे पूछताछ कर रही है. ऐसा माना जाने लगा है कि सिविक वालंटियर कोलकाता पुलिस के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. हाल के दिनों बढ़ते मामलों को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने दिशा निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अगर आप किसी आम नागरिक बदतमीजी करते हैं या फिर नशे की हालत में पाए जाते हैं तो आप पर कार्रवाई होगी. यहां तक नौकरी भी जा सकती है.
अभी हाल में एक और सिविक वालंटियर का मामला सामने आया है. इसमें नशे में धुत एक सिविक वालंटियर प्रोटेस्ट कर रहे डॉक्टरों से भिड़ गया. पहले वह रोड पर ग्राफिटी और पेंटिंग पर बाइक चढ़ाया और फिर पुलिस बैरिकेड पर धक्का मार दिया. जब डॉक्टरों ने उसे पकड़ लिया, तो वह उल्टा उन्हीं से बहस करने लगा. इसी मौके पर ट्रैफिक सार्जेंट पीएस सींथी आकर उसे बचा लिए और बिना कार्रवाई किए उसे छोड़ दिया.
मामाल रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी का बताया जा रहा है. शराब के नशे में धुत एक सिविक वालंटियर प्रोटेस्ट कर रहे डॉक्टरों से भिड़ गया. कोलकाता की ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी उसके बचा कर ले जाते हैं और बाद में उसे छोड़ देते हैं. इसके बाद लोगों ने पुलिस का काफी विरोध किया. हालांकि, विरोध के बाद पुलिस ने उस सिविक को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, न्यूज18 इंडिया को पता चला है कि कोलकाता पुलिस ने सिविक वालंटियर और होमगार्ड के लिए नए दिशा निर्देश जारी किया है.
आरजीकर रेप और हत्याकांड के बाद से कोलकाता पुलिस शिथिलता और लापरवाही की काफी आलोचना हो रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए शनिवार को कोलकाता पुलिस ने इस मामले में सख्त निर्देश जारी किए हैं. अगर कोई होमगार्ड या सिविक वालंटियर नशे में पाया जाता है तो उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ऐसा निर्देश सभी वरिष्ठ अधिकारियों को दिया गया है. वहीं कहा गया है कि होमगार्ड और नागरिक स्वयंसेवकों को पब्लिक से व्यवहार करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी.
निर्देश में कहा गाया कि कई मामले सामने आए हैं, जब कई पुलिस कर्मी के ड्यूटी के दौरान नशे में पाए कगए हैं. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. इस तरह के व्यवहार में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर दंड दिया जाना चाहिए. आगे यह भी कहा गया जब बल ड्यूटी पर नहीं होते हैं, तब भी उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर सम्मानजनक और सभ्य तरीके से व्यवहार करना चाहिए, जैसा कि अनुशासित बल के सदस्यों से अपेक्षित है.
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FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 09:05 IST