उदयपुर के बाद कोटा में छात्रों के बीच चाकूबाजी, घायल छात्र अस्पताल में भर्ती, मामूली विवाद के बाद मचा गदर

कोटा. कोचिंगनगरी में स्कूल के बाहर नाबालिग बच्चों के बीच हुई चाकूबाजी की वारदात के बाद हड़कंप मच गया. 9वीं क्लास के छात्र ने 8 वीं क्लास के छात्र के पेट में चाकू मार दिया. चाकू लगने से एक नाबालिग छात्र घायल हो गया. जिसको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वारदात को अंजाम देने वाला भी नाबालिग स्कूली छात्र बताया जा रहा है. मामूली बात को लेकर बच्चों में झगड़ा हो गया और एक बच्चे ने दूसरे पर चाकू से हमला कर दिया.
एक निजी विद्यालय के बाहर दो स्कूली छात्रों में मामूली बात को लेकर चाकूबाजी की घटना सामने आई है. डीवाईएसपी राजेश टेलर ने बताया कि दोनों छात्रों से पूछताछ की जा रही है दोनों ही छात्र नाबालिग है. उन्होंने बताया कि किसी बात को लेकर ड्राइंग बॉक्स में रखें प्रकार से हमला किया गया है सूचना मिलते ही पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए. वहीं छात्र का निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है, कोचिंग नगरी में चाकूबाजी के डरावने व भयानक आंकड़े सामने आने के बाद पुलिस के अपराध नियंत्रण के दावों पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.
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कोचिंगनगरी में है चाकूबाजी की डरावनी व भयानक आंकड़ेचाकूबाजी के मामले में कोटा प्रदेश प्रदेश में नंबर वन है और प्रदेश की 40% से अधिक चाकूबाजी की वारदातें कोटा में हो रही है. कोटा में 4 सेंटीमीटर से छोटे चाइनीस चाकू का चलन सबसे ज्यादा है. बदमाश चाइनीज व छोटे चाकू के साथ गिरफ्तार होने के बाद पुलिस भी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज नहीं कर पाती है. शायद यही वजह है कि चाकूबाजों के हौसले बुलंद होते जाते हैं और चाकूबाजी की वारदातों का डरावना आंकड़ा आसमान छूने लगा है. अब मामूली और छोटी-छोटी बातों पर कम उम्र के युवा चाकू से मौत का सौदा कर रहे हैं.
चाकूबाजी का है कोटा में अनोखा इतिहासकोचिंगनगरी में चाकूबाजी के चलन की भी एक अजीब कहानी है. बताया जा रहा है कि कोटा में स्टेट टाइम में उत्तर प्रदेश के रामपुर के नवाब अपने अंगरक्षकों के साथ कोटा आये थे. उस वक्त अपने साथ चाकू लेकर आए थे और यह रामपुरी चाकू के नाम से प्रसिद्ध था और फिल्मों में भी काफी प्रसिद्ध हुआ था. कोटा के कुछ युवाओं ने उस वक्त आत्मरक्षा के लिए चाकू चलाने की कला सीखी थी. धीरे-धीरे यह चाकू दूसरे को डराने, मारने व धमकाने में प्रयोग होने लगा. यह उस वक्त से गुंडों का स्टेट्स सिंबल बन गया था, जो आज तक जारी है ओर आज भी चर्चाओं में है.
कुछ वर्षों पहले कोटा में चाकूबाजी पूरे देश में एक अनोखे अपराध के रूप में चर्चाओं में थी. हालांकि धीरे-धीरे चाकूबाजी की वारदातें कम होती गई लेकिन फिर से अब यह ट्रेंड लौटने लगा है. एक बार फिर चाकूबाजी की वारदातों में इजाफा होने के बाद एक तरफ आमजन में भय व्याप्त है वहीं पुलिस के अपराध नियंत्रण के दावों पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 20:38 IST