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Agriculture Tips : सरसों और राई की फसल में फैल रहा यह रोग, किसान इस तरह बचाए अपनी फसल

नागौर. राजस्थान के नागौर जिले में जीरा, ईसबगोल, गेहूं, राई और सरसों की खेती बहुत अधिक मात्रा में होती है. यहां के किसान उन्नत तरीके से इन फसलों की खेती करते हैं. लेकिन नागौर क्षेत्र में पानी की कमी होने की वजह से इन फसलों में रोग भी देखने को मिलता है, कई बार तो ऐसी स्थिति होती है कि पूरी फसल रोग के चपेट में आने से किसानों को भारी नुकसान होता है.

इसके अलावा नागौर के ज्यादातर हिस्सों मे खारा पानी होने की वजह से भी फसलों मे रोग देखने को मिलता है, जिसके कारण फसल खराब हो जाती है. ऐसे में वर्तमान समय में सरसों व राई की फसलों मे रोग देखने को मिल रहा है, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. आपको बता दें कि सरसों व राई की फसलों मे एक जैसा ही रोग लगता है. लेकिन फसलों में इन रोगों से किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. व्हाइट ट्रस्ट व एपिड/जैसिड रोग सरसों मे बहुत तेजी से फैलते हैं, जिससे काफी नुकसान हो जाता है.

रोग की पहचान कैसे करे सरसों और राई की फसल में होने वाले रोग को आम भाषा में सफेद रोली रोग कहते हैं, जो ज्यादातर मारवाड़ के क्षेत्र में देखने को मिलता है. इसकी पहचान की बात करें, तो पत्तियों के नीचे के स्तर पर सफेद रंग के गोल फफोले दिखाई देते हैं. बाद में सरसों के फूल व फलियों में इसकी काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है और फूल व पत्तियों में विकृत बढ़ोत्तरी दिखाई देती है.

फसल को रोग से कैसे बचाए कृषि विशेषज्ञ शंकर लाल ने बताया कि किसानों को फसल को रोग से बचाने के लिए खेत में कार्बेन्डिजम / मेकोजम नामक दवाई का उपयोग करना चाहिए. इस दवाई का उपयोग 2 ग्राम प्रति लीटर पानी या एक हेक्टयेर में 1 किलो दवाई की मात्रा 500 लीटर पानी के साथ मिक्स करके छिड़काव करना चाहिए.

एपिड/जैसिड रोग की पहचान व उपाय सरसों में यह रोग देरी से बुवाई या ज्यादा सिंचाई की वजह से लग जाता है. इसकी पहचान की बात करें, तो पत्तियों के किनारे का रंग पीला पड़ना और फिर पत्तियों का मुड़ जाना इस कीट के प्रकोप के मुख्य लक्षण है. यह लक्षण पादप रस की कमी के कारण व कीट की जहरीली लार के पत्तियों में प्रवेश करने के बाद होता है.

इससे बचने के लिए किसान दो प्रकार से उपाय कर सकते हैं. इसके लिए एसटाप्रीड 20% WPC या हमीडा क्लोरोफिड 17.8%SL नामक दवाई का उपयोग करना चाहिए. इसके अलावा मिक्स माइक्रोट्रेट सड़ी गली खाद के साथ छिड़काव करना चाहिए, परन्तु सिंचाई से पहले ये उपाय अपनाना चाहिए.

Tags: Agriculture, Local18, Nagaur News, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 13:01 IST

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