Rajasthan

Inter-departmental working group formed HPCL and departmental officers | एचपीसीएल और विभागीय अधिकारियों का बनेगा इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग ग्रुप

राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा में बन रही राजस्थान रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एचपीसीएल और संबंधित विभागों के अधिकारियों का इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग ग्रुप बनाने के लिए कहा है, जिससे कि रिफाइनरी के कामों को गति दी जा सके।

जयपुर

Published: April 12, 2022 08:24:15 pm

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बाद बाड़मेर के पचपदरा में लगने वाली एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजना है। इस परियोजना से जुड़े सभी विभागों एवं एचपीसीएल के अधिकारियों को साथ लेकर एक इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग ग्रुप बनाया जाए, जिससे रिफाइनरी के साथ पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से संबंधित मुद्दों को समय पर हल किया जा सके। साथ ही रिफाइनरी के आस-पास औद्योगिक क्षेत्र और ग्रीनरी विकास के कार्यों में गति लाने के लिए कहा है।

एचपीसीएल और विभागीय अधिकारियों का बनेगा इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग ग्रुप

एचपीसीएल और विभागीय अधिकारियों का बनेगा इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग ग्रुप

गहलोत मंगलवार को राजस्थान रिफाइनरी प्रोजेक्ट के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी में कई बार रुकावटें भी आईं। लेकिन अब परियोजना ने गति पकड़ी है, जिसे समय पर पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि संसाधन बढ़ाकर परियोजना के कार्यों को और गति दी जाए। साथ ही पचपदरा व बालोतरा में भविष्य में नगरीय विकास की संभावनाओं को देखते हुए कार्य योजना बनाने व स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए कहा। बैठक में पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, एचपीसीएल-राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड के सीईओ विखर कमलाकर राजाराम के अलावा कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।—

15 हजार करोड़ खर्च, 43 फीसदी काम पूरेएचपीसीएल के सीएमडी एम के सुराणा ने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी ऑयल सेक्टर में देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। 9 एमएमटीपीए क्षमता की रिफाइनरी में अभी तक 15,225 करोड रुपए व्यय कर 43 प्रतिशत कार्य पूरे किए जा चुके हैं। 9 प्रमुख रिफाइनरी यूनिट में से 6 यूनिट्स का कार्य मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा। शेष यूनिट का काम भी समय पर पूरा करने का प्रयास रहेगा। प्रोजेक्ट में करीब 20 हजार लोग काम कर रहे हैं। 300 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाले पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स में ग्रीन बेल्ट विकसित की जा रही है। रिफाइनरी के पास टाउनशिप, स्कूल एवं हॉस्पिटल बिल्डिंग भी बनाई जाएगी।

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