आस्था और ऊर्जा का अद्भुत संगम, कोटा में होगी स्फटिक मणि की मूर्तियों की स्थापना, जानिए पूरी डिटेल
कोटा राज: शिक्षानगरी कोटा के जैन मंदिर में जल्द ही भगवान की स्फटिक मणि से निर्मित सबसे ऊंची मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. इन मूर्तियों में दुनिया की सबसे ऊंची पदमासन श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान की मूर्ति 35.80 इंच (लगभग तीन फुट) ऊंची है, जबकि श्री 1008 संभवनाथ भगवान की स्फटिक मणि की कमलासन प्रतिमा की ऊंचाई 30.20 इंच है. दोनों प्रतिमाएं पूरी तरह से तैयार हो चुकी हैं और इन्हें आगामी 14 नवम्बर को श्रुत संवेगी श्रमण 108 श्री आदित्य सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में वेदी पर प्रतिष्ठित किया जाएगा.
कृष्ण कुमार उपाध्याय ने बताया कि शीघ्र ही इन मूर्तियों को सम्मान देने हेतु सर्टिफिकेट संस्था द्वारा दिया जाएगा. मल्टीनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन) के भारत के सीईओ कृष्ण कुमार उपाध्याय ने इन मूर्तियों को ‘विश्व की सबसे ऊंची स्फटिक मूर्तियों’ के रूप में रिकॉर्ड कैटेगरी में शामिल करने की घोषणा की. जैसे ही वर्ल्ड रिकॉर्ड में इन मूर्तियों का नाम आया, समाजबंधुओं में खुशी की लहर दौड़ गई.
मूर्तियों की स्थापना और महत्वमुनि श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज ने कहा कि यह न केवल कोटा, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि जैन समाज को यह गौरव कोटा की धरती पर मिल रहा है. यह सम्मान सिर्फ जैन समाज के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए हर्ष का विषय है. मूर्तियों के निर्माण में लगभग आठ महीने का समय लगा, जबकि उनका पॉलिशिंग में 15 महीने का समय लगा. इन प्रतिमाओं का वजन करीब 150 से 200 किलो है. मुनि श्री ने बताया कि स्फटिक वास्तु शास्त्र के अनुसार सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होता है, यही कारण है कि मंदिरों, घरों या ऑफिस के शिलान्यास में स्फटिक रखने की सलाह दी जाती है. इन मूर्तियों की सकारात्मक ऊर्जा अन्य सभी से अधिक प्रभावी है.
विशेष कार्यक्रम की रूपरेखामुनि श्री ने बताया कि इन मूर्तियों की स्थापना 14 नवम्बर को वेदी पर की जाएगी, जबकि 15 नवम्बर को इनका विधिवत महामस्ताभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. मुनि श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज ने यह भी बताया कि भारत में छोटी स्फटिक मूर्तियां कई स्थानों पर हैं, लेकिन बड़ी मूर्तियां मध्यप्रदेश के सिवनी, इंदौर, सागर, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और भीलवाड़ा में ही स्थापित हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 15:15 IST