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Amit Shah visit to Rajasthan today latest news MLA Mahendra Jeet Singh Malviya joined BJP. | राजस्थान में अमित शाह का दौरा आज, ऐन पहले कांग्रेस में क्यों मच गई खलबली? जानें वजह

भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ ने मालवीया को दुपट्टा पहनाकर औपचारिक रूप से सदस्यता ग्रहण कराई। इस दौरान मालवीया ने संगठन और प्रधानमंत्री से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग भी रख दी। साथ ही जल्द रेल लाइन का काम पूरा करने की जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की नीतियों ने मुझे प्रभावित किया है। पार्टी में आने से पहले उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि वे दल बदल क़ानून के दायरे में आ रहे थे। मालवीया पिछले तीन दिन से दिल्ली में थे। वे रविवार को गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मिले। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी उनकी मंत्रणा हुई थी।

विधानसभा में कांग्रेस की संख्या हो जाएगी कम
मालवीया का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद विधानसभा का गणित भी बदल जाएगा। मालवीया के इस्तीफे के बाद विधानसभा में विधायकों की संख्या 200 से घटकर 199 रह गई। वहीं, कांग्रेस के विधायकों की संख्या भी 69 रह जाएगी। विधानसभा में इस्तीफा स्वीकार होने के छह माह के अंदर बागीदौरा विस सीट पर उपचुनाव करवाया जाएगा।

‘मोदी की नीतियों ने किया प्रभावित’
भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ ने मालवीया को दुपट्टा पहनाकर औपचारिक रूप से सदस्यता ग्रहण कराई। इस दौरान मालवीया ने संगठन, पीएम से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग भी रख दी। जल्द रेल लाइन का काम पूरा करने की जरूरत जताई। मालवीया ने कहा, मोदी की नीतियों ने मुझे प्रभावित किया है। पार्टी में आने से पहले उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि वे दल बदल कानून के दायरे में आ रहे थे।

भाजपा के एक तीर से कई शिकार
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की गणित बिगाड़ने और वागड़ में सियासी मजबूती के लिए भाजपा का यह बड़ा स्ट्रोक माना जा रहा है। पार्टी ने ऐसा कर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) से होने वाले संभावित नुकसान की भी भरपाई करने की कोशिश की है।

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डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस में अभी बड़े स्तर पर लोकसभा चुनाव तैयारी होती नहीं दिख रही। उधर, भाजपा में विधायक मालवीया को भाजपा में लेकर बड़ी सेंध लगा दी है। कांग्रेस के तीन से चार पूर्व मंत्रियों सहित अन्य कुछ बड़े नेताओं के भी भाजपा से नजदीकी को लेकर नाम चल रहे हैं। इनमें से कुछ के दिल्ली में डेरा डाले होने की भी चर्चा है। इन हालात को देखते हुए कांग्रेस डैमेज कन्ट्रोल में जुट गई है। मालवीया के जाने से कांग्रेस को आदिवासी क्षेत्र में बड़ा झटका लगा है।

भाजपा के लिए अहम क्यों…
1- बीएपी को रोकेंगे- भारत आदिवासी

2- कांग्रेस का प्रभाव कम होगा- कांगेस के लिए यहां से मालवीया ही बड़ा आदिवासी चेहरा थे। आस-पास के सीटों पर इसका प्रभाव पड़ता रहा है। विधानसभा चुनाव में बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर में कांग्रेस ने 7 सीट जीती।

3- जिला प्रमुख सीट पर भी दिखेगा प्रभाव- मालवीया की पत्नी रेशम देवी अभी बांसवाडा की जिला प्रमुख है। मालवीया ने कहा है कि वे भी भाजपा में शामिल होंगी। ऐसे में जिले में भी पार्टी का प्रभाव बढ़ेगा।

-एबीवीपी से अध्यक्ष रह चुके मालवीय- मालवीया शुरुआती दौर में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े थे और बाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बैनर तले अध्यक्ष बने। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों की वजह से उनकी घर में वापसी हुई है।

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