राजस्थान में मातृ प्रेम की मिसाल बना आंचल मदर मिल्क बैंक, 5600 लीटर दूध से 23 हजार नवजातों को मिला जीवनदान

Last Updated:May 14, 2025, 07:45 IST
Alwar News: साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा राजस्थान में ‘मदर मिल्क बैंक’ नाम की योजना शुरू की गई थी. जिसमें प्रदेश के कई जिलों में ब्लड बैंक की तर्ज पर अस्पतालों में ‘मदर मिल्क बैंक’ की स्था…और पढ़ेंX
आंचल मदर मिल्क बैंक की मैनेजर पूनम मलिक
साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा राजस्थान में ‘मदर मिल्क बैंक’ नाम की योजना शुरू की गई थी. जिसमें प्रदेश के कई जिलों में ब्लड बैंक की तर्ज पर अस्पतालों में ‘मदर मिल्क बैंक’ की स्थापना की थी. इसी दौरान अलवर के जनाना हॉस्पिटल में भी ‘आंचल मदर मिल्क बैंक’ स्थापित की गई जिसमें माताएं अपना दूध जमा करती और यहां से दूध लेकर अपने बच्चों को पिलाती है.
अलवर स्थित आंचल मदर मिल्क बैंक की मैनेजर पूनम मलिक ने बताया कि जनाना अस्पताल अलवर में 2016 में सरकार ने लिक ‘आंचल मदर मिल्क बैंक’ स्थापित की थी. इसका उद्देश्य यह था कि हर बच्चे को मां का दूध उपलब्ध करना है. अलवर की मिल्क बैंक में 6 लोग लगातार अपनी सेवाएं लिक बैंक में दे रहे हैं.
मिल्क बैंक में करीब 5600 लीटर दूधमैनेजर पूनम मलिक ने बताया किसी कारण से अगर मां अपने बच्चों को अपना दूध नहीं पिला पाती है तो ब्लड टेस्ट करने के बाद वह दान स्वरूप अपना दूध मदर मिल्क बैंक में जमा करती हैं, सभी जांच पूरी होने के बाद फिर बच्चे की मां को दूध उपलब्ध कराने के बाद बच्चे को पिलाया जाता है. अलवर शहर में स्थित जनाना अस्पताल में मौजूद इस ‘मदर मिल्क बैंक’ ने 2016 से अब तक मिल्क बैंक में 17 हजार 865 माताओं ने 44 हजार 266 बार में करीब 5600 लीटर दूध का दान किया. हालांकि इस वह माताएं भी शामिल है. जिन्होंने ने यहां आकर कई बार मिल्क दान किया है. इस दूध को 23 हजार नवजात शिशुओं को उपलब्ध कराया. जिससे उनकी इम्यूनिटी को डेवलप किया गया है. जो अब स्वस्थ जीवन जी रहे हैं. इस दौरान 3 हजार यूनिट मिल्क अजमेर भी भेजा. एक यूनिट में 30 एमएल दूध होता है.
मिल्क बैंक में माताओं को दी जा रही सर्विसजनाना अस्पताल में स्थापित किए गए आंचल मिल्क बैंक में माताओं को सर्विस भी दी जाती है. जिसमें माताओं को मिल्क बैंक में बुलाकर अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए सक्षम बनाया हैं. इस दौरान यहां 34 हजार माताओं को 90 हजार बार सीटिंग देकर सक्षम किया.राजस्थान में बढ़ते शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए ‘मदर मिल्क बैंक’ नाम की योजना शुरू की गई थी. वहीं बच्चों को फार्मूला मिल्क ना पिलाकर हर बच्चे को मां का दूध उपलब्ध हो इसीलिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई. यह योजना बेहद कामयाब रही है. इसकी वजह से प्रदेश के हजारों बच्चों को मां का दूध मिल रहा है.
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मातृ प्रेम की मिसाल बना आंचल मदर मिल्क बैंक,हजारों नवजातों को मिला जीवनदान