सर्दियों में पशुओं की देखभाल के तरीके | Animal Care Tips in Winter Hindi

Last Updated:December 24, 2025, 09:35 IST
Animal Care Tips in Winter: सर्दियों में पशुओं को सर्दी-जुकाम और निमोनिया से बचाने के लिए उन्हें गर्म स्थान पर रखें, गुनगुना पानी पिलाएं और आहार में गुड़ व खल जैसे ऊर्जा दायक तत्व शामिल करें. उचित प्रबंधन से दुग्ध उत्पादन भी स्थिर रहता है.
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही किसानों के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने पशुओं को सुरक्षित और स्वस्थ रखना होती है. ठंड के बढ़ते प्रकोप के साथ ही पशुओं में सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. यदि समय रहते उचित देखभाल नहीं की जाए, तो पशुओं की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे दूध उत्पादन और उनकी कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि किसान पशुओं के रहने के स्थान से लेकर उनके खान-पान तक पर विशेष ध्यान दें.

सर्दियों में पशुओं के बचाव के लिए सबसे जरूरी कदम पशुशाला को सुरक्षित बनाना है. पशुओं को ठंडी हवा और नमी से बचाना अनिवार्य है, इसलिए दीवारों और छत की दरारों या खुले स्थानों को अच्छी तरह बंद कर देना चाहिए ताकि शीतलहर सीधे उन तक न पहुंचे. फर्श को हमेशा सूखा रखें और बैठने के स्थान पर भूसा या सूखी घास बिछा दें, जिससे उन्हें गर्माहट मिले. इसके अलावा, रात के समय ठंड बढ़ने पर दरवाजों और खिड़कियों पर टाट, बोरी या मोटे पर्दे जरूर लगाएं ताकि पशुशाला के अंदर का तापमान संतुलित बना रहे.

ठंड के मौसम में पशुओं की ऊर्जा की जरूरत काफी बढ़ जाती है, इसलिए उन्हें संतुलित और गर्म तासीर वाला आहार देना बेहद जरूरी है. पशुओं को हरे चारे के साथ पर्याप्त मात्रा में सूखा भूसा, दाना मिश्रण और मिनरल मिक्सचर जरूर दें. सर्दियों में देसी तरीके से तैयार किया गया बांट और दलिया पशुओं के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, क्योंकि इससे न केवल उनका शरीर गर्म रहता है, बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ती है.
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इसके बाद अगला महत्वपूर्ण कदम पशुओं को स्वच्छ और गुनगुना पानी पिलाना है. ठंड के मौसम में पशु अक्सर बहुत ठंडा पानी पीने से कतराते हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर में पानी की कमी हो सकती है और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इसलिए कोशिश करें कि पशुओं को दिन में कम से कम एक बार गुनगुना पानी जरूर पिलाया जाए. पानी के बर्तन हमेशा साफ रखें और उनमें गंदगी न होने दें. इसके साथ ही नियमित साफ-सफाई और धूप भी बेहद जरूरी है. पशुओं और पशुशाला की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और सुबह के समय जब अच्छी धूप खिली हो, तो पशुओं को कुछ देर धूप में जरूर बैठने दें, क्योंकि इससे उनके शरीर को प्राकृतिक गर्माहट मिलती है और वे स्वस्थ रहते हैं.

इससे पशुओं में बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है. साथ ही, समय पर टीकाकरण और निरंतर निगरानी भी अत्यंत आवश्यक है. सर्दियों के दौरान यदि पशु में किसी भी तरह की खांसी, नाक बहना या सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. समय पर टीकाकरण और नियमित देखभाल के जरिए बड़ी और गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है. इस प्रकार के इन सरल और प्रभावी उपायों को अपनाकर किसान भाई सर्दियों के कठिन मौसम में भी अपने पशुओं को पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं.
First Published :
December 24, 2025, 09:35 IST
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शीत लहर का असर: सर्दी में पशुओं को निमोनिया और बुखार से कैसे बचाएं, जानें…



