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Rajasthan Assembly News – विधानसभा अध्यक्ष जोशी बोले- कानून और नियमों के तहत चलेगी विधानसभा, नाराजगी हुई दूर

– कार्यसलाहकार समिति में 18 तक सदन चलाने का पहले ही हो चुका था निर्णय
– मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देना पड़ा दखल, उसके बाद हुई अध्यक्ष की नाराजगी दूर

अरविन्द सिंह शक्तावत/जयपुर। सत्ता पक्ष-विपक्ष की बहस और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बर्ताव से नाराज होकर विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के दूसरे दिन गुरूवार को विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी मान गए हैं। मान मनौव्वल के बाद सीपी जोशी की नाराजगी दूर हो गई है और अब शुक्रवार से विधानसभा की कार्यवाही चलेगी। कार्य सलाहकार समिति की बैठक में पहले से ही 18 तक सदन चलाने का निर्णय किया जा चुका था। जोशी के निर्णय से एक बार असमंजस की स्थिति बनी थी, जो अब दूर हो गई है।

विधानसभा की ओर से गुरूवार को बुलेटिन जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि विधानसभा के छठे सत्र की फिर से बैठक शुक्रवार सुबह 11 बजे होगी। बुलेटिन में कहा या है कि पन्द्रहवीं विधानसभा के छठे सत्र की बैठक 15 सितम्बर को अनिश्चित काल के स्थगित कर दी गई थी। सत्र पुन: आहुत किया गया है, जिसमें अति आवश्यक वित्तीय एवं शासकीय कार्य किए जाएंगे। शुक्रवार और शनिवार दो दिन में 9 बिल विधानसभा के पटल पर रखे जाएंगे। शुक्रवार को प्रश्नकाल होगा, वहीं शनिवार को प्रश्नकाल को स्थगित रखा गया है।

अध्यक्ष की नाराजगी ने मचा दी थी हलचल
विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और सत्ता पक्ष के आचरण से नाराज होकर अचानक विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया था। हंगामा शांत होने के बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही आगे बढ़ाई तो शांति धारीवाल बीच में उठकर बोलने लगे। जोशी के बार-बार कहने के बावजूद वे नहीं बैठे। इससे अध्यक्ष इतने नाराज हुए कि अचानक सदन अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया। इस फैसले से सत्ता पक्ष सकते में आ गया, क्योंकि विभागों में किए गए गए 1300 करोड़ से ज्यादा के अतिरिक्त खर्चों की विधानसभा से मंजूरी लेने के लिए सप्लीमेंट्री डिमांड्स पारित नहीं हुई थी। कई मंत्रियों ने मनाने की कोशिश की, पर अध्यक्ष नहीं माने। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अध्यक्ष से फोन पर बात की। उसके बाद सीपी जोशी माने।

अध्यक्ष जोशी बोले कानून—नियम से चलेगी विधानसभा
विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने कहा कि कोई भी अध्यक्ष ये ही चाहता है कि नियम और कानून के तहत सदन चले। सब से यही अपेक्षा रहती है कि सब मिलकर अच्छे से सदन चलाएं। कानून-नियमों का पालन किया जाए। कार्य सलाहकार समिति में पहले ही 18 तक सदन चलाने का निर्णय किया जा चुका है। इसलिए सदन दो दिन और चलेगा।







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