Rajasthan

Artist Bablu has magic in his hands, his paintings bring life to the paper, he creates pictures with blood

Last Updated:April 29, 2025, 15:54 IST

भीलवाड़ा के बबलू ने बिना प्रशिक्षण के ब्लड से पोर्ट्रेट बनाना सीखा. गर्ल्स कॉलेज के बाहर प्रदर्शनी लगाते हैं. पिता के निधन के बाद कला से आजीविका चलाई.X
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आर्ट बनाते बबलू आर्टिस्ट

भीलवाड़ा. अगर हाथ में हुनर और दिल में कुछ कर गुजरने का मकसद हो तो कलाकार को किसी मंच और स्टेज की जरूरत नहीं होती है. वह बीच सड़क पर भी अपने हुनर और काबिलियत का परिचय आसानी से दे सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ के रहने वाले एक युवक बबलू ने….

बबलू अपने हुनर से शहर के गर्ल्स कॉलेज के बाहर ब्लड से पोर्ट्रेट बना रहे हैं. यह युवक फुटपाथ पर अपने द्वारा बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाता है और आने-जाने वाले शहरवासी उसकी इन कलाकृतियों को देखकर अपनी फोटो बनाने के लिए आते है. इसके साथ ही खास मौके के लिए भी लोग अपने ब्लड से पोर्ट्रेट बनवाने यहां पर आते हैं. बबलू की सबसे बड़ी खास बात यह है कि बबलू कलाकारी सीखने के लिए कभी किसी के पास नहीं गए, उन्होंने घर पर ही पेंसिल और रबड़ से प्रैक्टिस करके और यूट्यूब को गूगल से सीख कर चित्रकारिता में महारत हासिल की है.

भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ में रहने वाले बबलू ने आर्ट कला सिखी मगर जब उसके पिता का स्वर्गवास हो गया तो परिवार का सारा बोझ उस पर आ गया. जिसके कारण वह मांडलगढ़ से भीलवाड़ा आ गया. मगर जब उसे कोई काम नहीं मिला तो उसने अपने हाथ के हुनर को भी आज़माने का निर्णय लिया. बबलु ने सबसे पहले अपनी कला से कुछ पोर्ट्रेट बनाएं और बिना किसी मुलभूत सुविधाओं के उसने उनको शहर के सेठ मुरलीधर मानसिंहका कन्या महाविद्यालय के बाहर सड़क किनारे प्रदर्शनी लगाई. जिसके बाद से ही उनके इस हुनर को लोगों ने सराहना करते हुए बबलु से अपने पोर्ट्रेट बनवाने लग गए. इसके कारण उसकी आजीविका भी चलने लगी है.

माता-पिता के लिए बनाते हैं चित्रआर्टिस्ट बबलु ने लोकल 18 से खास बात करते हुए कहा कि मैं मांडलगढ़ के मोटरिया खेड़ा में रहता हूं. भीलवाड़ा में मैं अपनी कला का प्रदर्शन करने आया हूं और पिछले 3 साल से गर्ल्स कॉलेज के बाहर सड़क पर प्रदर्शनी लगा रहा हूं. मेरे कार्य की लोग सराहना भी करते हैं और अपना ऑर्डर देकर जाते हैं. पैसे कमाना बहुत जरूरी है क्योंकि मेरे पिता का 2013 में ही स्वर्गवास हो गया था. हमारा परिवार निर्धन है इसके कारण यहां से कमाई करके घर पर रुपए भेजना पड़ते हैं. अपनी कला के बारे में बताते हुए बबलु ने कहा कि मैंने पहले इस कला को सिखा और कलाकृति बनाने से पहले एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा बनाने वाले का ब्लड का निकाला जाता है. उसी ब्लड से यह पोर्ट्रेट बनाया जाता है. यह पोर्ट्रेट वह अपने शुभचिंतकों, भाई-बहन और माता-पिता के लिए बनाते हैं.

एक आर्टिस्ट से मिली प्रेरणाकोरोना काल से पहले कोटा में एक बार एग्जाम देने के लिए गया था तब मैंने परीक्षा केंद्र के बाहर देखा कि एक आर्टिस्ट जिनका नाम मनोज कुमार है वह सड़क पर ही अपनी कलाकृति का प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने बहुत अच्छी और शानदार चित्रकारी बनाई थी. उनको देखकर मुझे प्रेरणा मिली कि जब आर्टिस्ट मनोज कुमार इस तरह अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं, इसलिए आज मैं जो कुछ भी हूं उन्हीं की बदौलत हूं.

Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

April 29, 2025, 15:54 IST

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इस आर्टिस्ट के हाथों में है जादू, चित्रकारी ऐसी कि कागज में डाल दे जान

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