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सिर्फ बच्‍चे पैदा नहीं करवातीं आशा वर्कर, करती हैं ये 10 बड़े काम, जान लेंगे तो आप भी मांग लेंगे मदद

आशा वर्कर्स या आशा बहुओं के बारे में तो आपने सुना होगा. लोगों को लगता है कि ये अक्‍सर गांवों में होती हैं और सिर्फ बच्‍चा जनवाती हैं. ये प्रेग्‍नेंट महिलाओं को अस्‍पताल ले जाती हैं और बच्‍चे पैदा करवाकर वापस घर छोड़ जाती हैं. हालांकि ये दोनों ही बातें सही नहीं हैं. दिल्‍ली से लेकर लगभग सभी राज्‍यों के बड़े शहरों में भी आशा वर्कर्स प्राइमरी हेल्‍थ सेंटर्स के अंतर्गत काम करती हैं. वहीं ये 10 ऐसे बड़े काम भी करती हैं, जिनके बारे में लोगों को पता ही नहीं होता. पक्‍का आशाओं के 80 फीसदी कामों के बारे में आप भी नहीं जानते होंगे. जबकि सिर्फ जच्‍चा-बच्‍चा ही नहीं कोई भी आशा वर्करों से मदद ले सकते हैं. आइए बताते हैं इनके कामों के बारे में..

भारत में केंद्र सरकार के राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत मान्‍यता प्राप्‍त सामाजिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं के रूप में महिलाओं की भर्ती की जाती है. ये महिलाएं उस गांव या शहर की बहुएं होती हैं जो स्‍थाई रूप से यहां रहती हैं. इसलिए इन्‍हें आशा वर्कर या आशा बहू भी कहा जाता है. ये आसपास के आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राइमरी हेल्‍थ सेंटर्स, सीएचसी, सब हेल्‍थ सेंटर्स के साथ मिलकर काम करती हैं. ये मरीजों को घर पर जाकर भी मदद करती हैं.

आशा वर्करों को मिलती हैं ये दो किट्स..

आशा बहुओं को दो किट भी दी जाती हैं. पहली किट होती है आशा ड्रग किट और दूसरी होती है आशा इक्विपमेंट किट. जिनका इस्‍तेमाल वे कम्‍यूनिटी के लोगों के लिए करती हैं. पहली किट में इन्‍हें 24 तरह की दवाएं दी जाती हैं, जिनमें पैरासीटामोल गोली और सिरप से लेकर इमरजैंसी कॉन्‍ट्रासेप्टिव पिल्‍स, सेनिटरी नैपकिन, स्प्रिट, कॉन्‍डोम, ओआरएस के पैकेट, ओरल पिल्‍स, स्प्रिट, साबुन, पोवाइडिन ओइंटमेंट ट्यूब, जिंक टैबलेट्स, आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट्स, बैंउेज, कॉटन, रैपिड डायग्‍नोस्टिक किट आदि शामिल होती हैं.

जबकि दूसरी आशा उपकरण किट में इन्‍हें डिजिटल रिस्‍ट वॉच, थर्मामीटर, वेट मशीन, बेबी ब्‍लैंकेट, किट बैग, कम्‍यूनिकेशन किट, बेबी फीडिंग स्‍पून आदि होता है.

ये हैं आशा बहुओं के 10 बड़े काम..

. आशा वर्कर्स सरकार की ओर से मुफ्त दी जाने वाली दवाएं, ओआरएस, आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट्स, क्‍लोरोक्‍वाइन डिस्‍पोजेबल डिलिवरी किट्स, ओरल पिल्‍स और कंडोम आदि भी घरों तक पहुंचाती हैं.

. अगर समुदाय में किसी को डायबिटीज या बीपी की समस्‍या लग रही है तो आशा वर्कर उन्‍हें नजदीकी डिस्‍पेंसरी में ले जाकर जांच भी कराती हैं और उचित परामर्श भी दिलवाती हैं.

. अगर किसी बच्‍चे या बड़े को चोट लगती है तो आशा वर्कर हल्‍की इंजरी में प्राथमिक उपचार देती हैं.

. ये गांव में सफाई के लिए ग्राम पंचायत के साथ मिलकर काम करती हैं और हेल्‍थ प्‍लान बनाती हैं.

. किसी को डायरिया या बुखार होने पर आशा वर्कर फर्स्‍ट एड देती हैं.

. रिवाइज्‍ड नेशनल ट्यूबरक्‍यूलोसिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत ये लोगों को डॉट केंद्रों तक भी ले जाती हैं.

. ये गांव में होने वाले किसी भी जन्‍म या मृत्‍यु की जानकारी, किसी बीमारी के आउटब्रेक की जानकारी प्राइमरी या सब हेल्‍थ सेंटर्स पर देती हैं.

. आशा वर्कर राष्‍ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल टीके लगवाती हैं. जन्‍म से लेकर 16 साल तक के बच्‍चों के टीकाकरण से लेकर जरूरी दवाएं पिलाने की जिम्‍मेदारी इनकी होती है.

. राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत चलने वाले सभी पब्लिक हेल्‍थ प्रोग्राम्‍स के फायदों को आशा वर्कर्स आम लोगों तक पहुंचाने का काम करती हैं.

. आशा हेल्‍थ एक्टिविस्‍ट होती हैं जो कम्‍यूनिटी में जागरुकता फैलाती हैं और लोगों को इन लाभों को लेने के लिए तैयार करती हैं.

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Tags: Health News, Lifestyle, Trending news

FIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 21:43 IST

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