तनाशाह के देश में भारत ने खोला दूतावास, आखिर उत्तर कोरिया में 3 सालों से क्यों बंद थी एंबेसी?

नई दिल्ली. जुलाई 2021 में, कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के चलते भारत ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में स्थित अपने दूतावास का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. महामारी के दौरान लागू किए गए कड़े यात्रा प्रतिबंधों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया था. हालांकि, भारत ने उत्तर कोरिया दोबारा चालू कर लिया है. तनाशाह किम जोंग उन के देश में जमीनी स्तर भारत के अलावा स्वीडन और पोलैंड ने अपना दूतावास ओपन किया है.
नॉर्थ कोरिया में भारत के दूतावास में कामकाज शुरू हो चुका है. वहां सेकंड सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और दूसरे स्टाफ की नियुक्ति की गई है, हालांकि राजदूत की नियुक्ति नहीं हुई है. भारतीय दूतावास में सुचारू रूप से कामकाज शुरू हो चुका है. नई दिल्ली के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया में भारतीय दूतावास ‘वर्तमान में कर्मचारियों से भरा हुआ है और काम कर रहा है.’
बयान में आगे कहा गया है, “कर्मचारियों की अदला-बदली और नियमित गतिविधियां भी चलाईं जा रही हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दूतावास को पूरी तरह से चालू होने में कई और महीने लगेंगे क्योंकि अभी तक राजदूत की नियुक्ति नहीं हुई है, लेकिन प्रशासनिक कर्मचारियों ने प्योंगयांग में अपने पद संभाल लिए हैं.
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि राजनयिक उत्तर कोरिया कब पहुंचे या उन्होंने वहां कैसे यात्रा की, लेकिन भारत के संचालन की बहाली स्वीडन और पोलैंड के बाद हुई है. बता दें कि जुलाई 2021 से यहां पर दूतावास बंद है. भारत के राजदूत और कई राजनयिक महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर पलायन कर उत्तर कोरिया छोड़ गए थे.
हालांकि, कोविड महामारी के दौरान उत्तर कोरिया के नई दिल्ली के दूतावास में राजदूत चोई हुई चोल ने तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भी अपना पद संभाले रखा. गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं. भारत ने 2017 में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को मानते हुए उत्तर कोरिया से आर्थिक लेन-देन बंद कर दिया था.
Tags: Kim Jong Un, North Korea
FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 14:12 IST