Rajasthan

इस शहर के लोग अब भी खेलते हैं वो खेल, जिसने द्रौपदी को लगा दिया था दांव पर

करौली. भारत में महाभारत काल और राजशाही जमाने के कई खेल ऐसे हैं जो अब किताबों और इतिहास के किस्सों में ही सिमट कर रह गए हैं. पुराने जमाने के इन प्रसिद्ध खेलों से आज के लोग तो बिल्कुल अनजान है. हम जिस खेल की बात करने जा रहे हैं वो राजपूताने की देशी रियासत कही जाने वाली करौली की खिड़कियों पर अब भी खेला जाता है. आज भी बरसों से बेगाना बुजुर्गों का एक ग्रुप इसे खेल रहा है. चाहें भीषण गर्मी हो या हाड़ कपाने वाली ठंड, ये बुजुर्ग रोज यहां आते हैं और इसे खेलते हैं.

हम बात कर रहे हैं महाभारतकालीन जमाने के खेल चौपड़ की, जो रियासत काल में भी जारी रहा. करौली की रियासतकालीन 12 खिड़कियों में से एक परशुराम खिड़कियों पर आज भी यहां के बुजुर्ग बड़े उत्साह और हो – हल्ले के साथ चौपड़ खेलते हैं. वो रोज यहां इकट्ठा होते हैं और 4-पांच घंटे इसे खेलते हैं.

बुजुर्गों का टाइम पासचौपड़ खेलने वाले बुजुर्गों के ग्रुप के उस्ताद 80 वर्षीय हरिचरण शर्मा बताते हैं वो 70 साल से ये खेल खेल रहे हैं. इस खेल को यहां के पुराने बुजुर्ग कई साल से खेलते आ रहे हैं. चौपड़ का खेल कौड़ियों से खेला जाता है. वैसे यह खेल तो राजाशाही जमाने का है लेकिन, हमारा बुजुर्गों का ग्रुप इसे रोजाना मनोरंजन और टाइम पास के लिए खेलता है.

दिमाग का खेल है चौपड़करौली की परशुराम खिड़कियों पर खेलने वाले लोगों का कहना है इस खेल को चौपड़ कहते हैं. यह राजा महाराजाओं के समय का सबसे शुद्ध और ईमानदार खेल है. बेईमानी इसमें बिल्कुल भी संभव नहीं है. पहले के जमाने में यह खेल राजा – महाराजाओं का सबसे पसंदीदा खेल हुआ करता था. जिसे वह आपस में खेलते थे. खिड़की के बड़े बुजुर्गों का कहना है चौपड़ बुद्धि का खेल है. इसे खेलने के लिए दिमाग की आवश्यकता सबसे ज्यादा पड़ती है. नियम अनुसार इस खेल को कम से कम दो व्यक्ति और ज्यादा से ज्यादा चार व्यक्ति ही खेल सकते हैं.

200 साल की परंपरापरशुराम खिड़कियों पर चौपड़ खेलने वाले लोगों के मुताबिक, खिड़कियां पर यह खेल 200 साल से लगातार खेला जा रहा है. यहां के बुजुर्गों का चौपड़ प्रिय खेल है. करौली में बुजुर्गों की अथाई कहीं जाने वाली परशुराम खिड़कियों पर चौपड़ का ये खेल रोजाना दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 5 तक खेला जाता है.

Tags: History of India, Karauli news, Local18

FIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 16:16 IST

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