अस्थमा के संजीवनी बूटी है ये पौधा, मलेरिया बुखार भी हो जाएगा छूमंतर! डॉक्टर से जानें कैसे करें इस्तेमाल

Last Updated:April 04, 2025, 09:50 IST
आयुष डॉक्टर किशन लाल ने कहा कि सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल कई रोगों की दवा के रूप में किया जाता है. सत्यानाशी के पौधों की पत्तियों को मलेरिया बुखार,अल्सर और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है. इस…और पढ़ेंX
इसे घर के पास लगाने से बुरी शक्तियों और नजर दोष से बचाव होता है.
प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं. जो मानव शरीर के बहुत फायदेमंद होते हैं ऐसा ही एक पौधा है सत्यानाशी, यह ग्रामीण क्षेत्रों में खरपतवार के रूप में उगता है. लेकिन, आयुर्वेद में इसका उपयोग अनेकों बीमारियों के इलाज में की जाती है. इस पौधे पर चटकीले पीले फूल आते हैं.
इस पौधे की शाखाएं छोटी व कम मजबूत होती है. यह पौधा आयुर्वेदिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. आयुष डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि इसका प्रयोग दवाइयां बनाने में भी किया जाता है. सत्यानाशी के बीज काले भूरे दाने वाले होते हैं. इस बीज के तेल का प्रयोग औषधिय उपयोग भी किया जाता है. सत्यानाशी की टहनियों में पीला व सफेद दुध आता है, इसे स्वर्णक्षीरी भी कहा जाता है.
सत्यानाशी पौधा के आयुर्वेदिक महत्वआयुष डॉक्टर किशन लाल ने कहा कि सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल कई रोगों की दवा के रूप में किया जाता है. सत्यानाशी के पौधों की पत्तियों को मलेरिया बुखार,अल्सर और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है. इस पौधे में अनेक औषधीय गुण मौजूद है. इस पौधे में मौजूद औषधीय तत्व आंखों की बीमारी में उपयोगी होता है. जड़ दूध का औषधीय इस्तेमाल अस्थमा और खांसी की समस्या के ईलाज में उपयोगी होता है. इसकी मुंह में छाले होने पर सत्यनाशी के कोमल डंठल और पत्तियां चबाने से तुरंत आराम मिलता है. इसके पत्तों को चबाने के कुछ देर बाद थोड़ा दही और चीनी खाने से भी मुंह के छालों ठीक हो जाते हैं.
सत्यानाशी के धार्मिक महत्वधर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि सत्यानाशी के पौधे के अनेकों धार्मिक महत्व भी हैं. इसका संबंध भगवान शिव से भी है, इसकी पत्तियों और फूलों का उपयोग शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए किया जाता है, विशेषकर सावन के महीने में इसका इसका उपयोग किया जाता है. कुछ परंपराओं में इसे घर के पास लगाने से बुरी शक्तियों और नजर दोष से बचाव होता है, इसे किसी विशेष दिशा में लगाने से वास्तु दोष भी दूर होता है.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
April 04, 2025, 09:50 IST
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अस्थमा के संजीवनी बूटी है ये पौधा, मलेरिया बुखार भी हो जाएगा छूमंतर