ऐसी जगह जहां गैस से कढ़ाई तक उठाने को मंगवानी पड़ती है क्रेन, वजह जानकार चौंक जाएंगे!

बीकानेर:- आपने आज तक कढ़ाई तो बहुत देखी होंगी लेकिन हम आपको एक ऐसी कढ़ाई के बारे में बताते हैं जिसे उठाना आपके तो क्या, आपके साथ दो या चार लोग हों वे भी मिसकर नहीं उठा पाएंगे. तो चलिए बताते हैं, दरअसल बीकानेर शहर का इतिहास काफी पुराना है. यहां आपको एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक चीजें देखने को मिल जाएंगी. ऐसे में बीकानेर में एक ऐसी कड़ाई है जो सबसे बड़ी है. इस कड़ाई को देखकर आप हैरान हो जाएंगे.
कढ़ाई में एक बार में बनती है 1500 किलो मिठाई इस लोहे की कड़ाई को 8 से 10 लोग मिलकर भी नहीं उठा सकते है. आपको बता दें जब इस कड़ाई को उठाना होता है तो ज्यातर क्रेन का इस्तेमाल किया जाता है. इस कड़ाई का वजन ही करीब 300 किलो होता है. वहीं इसमें एक बार में करीब 1500 किलो मिठाई एक साथ बन सकती है.
सफला एकादशी पर लगता है विशाल मेलाबीकानेर से 25 किलोमीटर दूर जामसर गांव में गंगाईनाथ जी का समाधि स्थल है. यहां करीब 41 साल पहले बाबा गंगाईनाथ ने समाधि ली थी. हर वर्ष इनके निर्वाण दिवस पर सफला एकादशी पर विशाल मेला और भंडारा लगता है. इस अवसर पर गुरुवार को निर्वाण दिवस पर विशाल मेला और भंडारा आयोजित किया गया. इसके बाद रात्रि जागरण भी होता है. यहां दिन में लोग समाधि स्थल पर धोक लगाने के बाद, भंडारे में खाना खाते हैं. इस मेले में बड़ी संख्या बीकानेर ही नहीं देश और विदेश से भी लोग आते हैं.
कढ़ाई का वजन है 300 किलोहलवाई रामलाल ने बताया, कि इस कड़ाई का वजन 300 किलो है. इसमें 1500 किलो गूंदपाक मिठाई आती है. वे यहां करीब छह सालों से इस स्थल पर भंडारे में खाना बनाने का काम कर रहे हैं. किसी भी जगह सबसे बड़ी कड़ाई यही है, और इससे बड़ी कड़ाई नहीं है. जहां बड़ी संख्या में लोगों के लिए प्रसाद बनता है. वे बताते हैं, कि इस मिठाई को बनाने में करीब चार दिन का समय लगा है. 22 दिसंबर से यहां खाना बनाने का काम चल रहा है. यहां 80 क्विंटल मिठाई बनाई गई है.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 16:51 IST