Rajasthan
‘Auto tune can improve voice, not singing’ | ‘ऑटो ट्यून आवाज सुधार सकता है, गायकी नहीं’-प्लेबैक सिंगर सुरेश वाडकर

-प्लेबैक सिंगर सुरेश वाडकर बोले संगीत वही अच्छा जो हर बार सुकून दे
जयपुर। प्लेबैक सिंगिंग में अगर आपको ऑटो ट्यून की आदत पड़ गई, तो कलाकार मेहनत भी छोड़ देते हैं। ऐसे कलाकार जब गायकी में उतरते हैं, तो वे मेहनत करने वाले सिंगर की जगह पर काबिज होने लगते हैं। ऐसे कलाकारों का अगर कोई गाना इत्तेफाक से पॉपुलर हो जाए, तो इससे संदेश यही जाता है कि रियाज की जरूरत नहीं, ऐसे भी काम मिल सकता है। यह न्याय नहीं है। ऑटो ट्यून आपकी आवाज सही कर सकता है, आपकी गायकी नहीं। गायकी कभी विरासत में नहीं मिलती। इसे सीखना ही पड़ेगा। भाषा कोई भी हो, वही सात सुर हैं। देवनागरी लिपी ऐसी है जिसमें दुनिया की कोई भी भाषा उसके शब्दों का उच्चारण एग्जेक्ट लिख सकते हो। देवनागरी लिपी गायकी में बहुत हेल्प करती है।