Banihal-Sangaldan railway section will start tomorrow | कल शुरू होगा बनिहाल-संगलदान रेल खंड, इसका 90 फीसदी हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरता है

सुरक्षा और सुविधा
इस रेल खंड में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान में रखते हुए सुरंग सुरक्षा तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। अत्याधुनिक तकनीक से वेंटिलेशन और अग्निशमन प्रणाली विकसित की गई है। गिट्टी रहित टै्रक बिछाया गया है।
एफिल टावर से ऊंचा चिनाब ब्रिज
जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का ही हिस्सा है। इस ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, जो फ्रांस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ज्यादा है। पुल के निर्माण में उच्च क्वालिटी के स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जो माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना कर सकता है। 260 किमी प्रति घंटे की गति चलने वाली हवा और 8 तीव्रता के भूकंप में भी सुरक्षित रहेगा। पुल निर्माण में करीब 1500 करोड़ रुपए की लागत आई है।
एक नजर में पूरा प्रोजेक्ट
-272 किलोमीटर लंबी है यूएसबीआरएल परियोजना
-161 किलोमीटर लंबा रेलमार्ग पहले शुरू हो चुका है
-111 किलोमीटर के शेष हिस्से का 95 फीसदी काम पूरा
-15,863 करोड़ की लागत से बना 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-संगलदान रेल खंड, जिसका उद्घाटन होना है
-16 पुल हैं इस खंड में, जिसमें 11 बड़े और 4 छोटे पुल हैं, एक ओवरब्रिज है
-11 सुरंगें 43.37 किलोमीटर कवर करती हैं, यानी रेल खंड का 90 फीसदी हिस्सा
-30.1 किलोमीटर लंबाई की तीन एस्केप सुरंगें हैं, 30 मोड़ हैं इसमें