Barmer Malabar Neem Cultivation: Desert Farmers’ Green Treasure in 6 Years

Last Updated:October 25, 2025, 11:32 IST
Agriculture News: बाड़मेर के रेगिस्तान में किसान मालाबार नीम (मेलिया दुबिया) उगा रहे हैं. यह पेड़ कम पानी में पनपता है और 6 साल में कटाई योग्य होगा. इसकी लकड़ी की कीमत लाखों में है और यह किसानों के लिए हरियाली और कमाई का एक नया और स्थायी स्रोत बन गया है.
थार के रेगिस्तान में मालाबार नीम की खेती किसानों के लिए हरियाली और लाखों की कमाई का अवसर बन गई है.
बाड़मेर. थार के रेगिस्तान में जहां कभी खेती मुश्किल लगती थी, अब किसानों ने दक्षिण भारत का मालाबार नीम (मेलिया दुबिया) उगा कर हरियाली की एक नई कहानी लिखी है. यह पेड़ रेगिस्तानी परिस्थितियों के लिए वरदान साबित हो रहा है, क्योंकि यह कम पानी में पनपता है और इसकी लकड़ी की मांग फर्नीचर, प्लाईवुड, माचिस की तीलियों और कागज उद्योग में भारी है. यह नवाचार बाड़मेर के किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है.
बाड़मेर जिले के भीमड़ा गांव में किसान डॉ. जोगेश चौधरी ने अपने खेत में 800 मालाबार नीम के पौधे लगाए. इनमें से 600 पौधे आज 25-30 फीट की ऊँचाई तक पहुँच गए हैं. रेगिस्तान जैसी कठिन परिस्थितियों में भी यह पेड़ तेजी से बढ़ रहा है, और किसान इसे खुशी से “हराभरा सोना” मान रहे हैं. यह सफलता दर्शाती है कि सही चयन और नवाचार से रेगिस्तान में भी लाभकारी कृषि संभव है.
6 साल में होगी तगड़ी कमाईमालाबार नीम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 6 साल में कटाई योग्य हो जाता है. डॉ. जोगेश चौधरी के अनुसार, एक बीघा में लगाए गए पौधों से 6 साल बाद 2 से 3 लाख रुपये तक की कमाई संभव है. इसकी खेती के लिए ज्यादा देखभाल या पानी की आवश्यकता नहीं होती, जिससे रेगिस्तान के किसानों के लिए यह सुविधाजनक और लाभकारी फसल बन गया है. इसकी कम लागत और उच्च रिटर्न इसे रेगिस्तान की खेती के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है.
लकड़ी की कीमत और उपयोगइसकी लकड़ी बेहद कीमती मानी जाती है और बाजार में इसकी कीमत लाखों रुपये में बिकती है. प्लाईवुड, उच्च गुणवत्ता वाले फर्नीचर, माचिस की तीलियों और पेपर उद्योग में इसका व्यापक उपयोग होता है. इसकी लकड़ी का एक और महत्वपूर्ण गुण यह है कि यह दीमक प्रतिरोधी होती है, जो इसे फर्नीचर और निर्माण कार्यों के लिए आदर्श बनाती है.
सफल ट्रायल और भविष्य की उम्मीदेंडॉ. जोगेश चौधरी के मुताबिक, पहले साल ट्रायल के रूप में लगाए गए 800 पौधों में 600 सफलतापूर्वक पनपे हैं. खेत के किनारों पर लगाया गया यह नीम ज्यादा देखभाल नहीं मांगता और कम पानी में भी अच्छे से उगता है. यह पेड़ थार के रेगिस्तान में खेती का एक नया और स्थायी विकल्प बनकर उभर रहा है, जो किसानों को सतत आय और हरियाली का रास्ता दिखा रहा है.
Location :
Barmer,Barmer,Rajasthan
First Published :
October 25, 2025, 11:32 IST
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बाड़मेर के धूप-सोखे खेतों में उग रहा ‘हराभरा कम पानी का सोना’, देगा लाखों…



