Religion

basis of life, the seven chakras of Kundalini | जीवन का आधार, कुंडलिनी के सात चक्र

Published: Sep 30, 2023 11:29:58 am

– नाड़ियां शरीर में किसी न किसी स्थान पर जरूर मिलती हैं, जिसे नाड़ियों का संगम स्थान कहा जाता है। इस संगम स्थान को ही ‘चक्र’ कहते हैं। इन चक्रों का अपना खास महत्त्व होता है।

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भारतीय सनातन धर्म परंपरा में मानव जीवन के श्रेष्ठतम आयामों को अंगों और संबंधित उपागम से जोड़ा गया है। इंसान जीवन में स्वयं को खुश रख सकता है। यदि यह सोच व्यावहारिक जीवन में सफलता के लिए है, तो उसको भौतिक दृष्टिकोण से सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए। यह सोच आध्यात्मिक है, तो उसे वैज्ञानिक ढंग से अनुभव करने की आवश्यकता है। मानव जीवन में शरीर की कुंडलियों का एक अलग विज्ञान है। सात चक्र सात विशेष प्रकार के तत्त्वों का उल्लेख करते हैं। हालांकि कुंडलियों की हम बात करेंगे तो इसकी एक विशेष योग मुद्रा भी है, जो शरीर के अलग-अलग अंगों को एक नियत अवस्था में सुकेंद्रित करके सुप्त अवस्था से जागृत अवस्था की ओर ले जाती है या यह कहा जा सकता है कि अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने की यह विशिष्ट यात्रा है। कुंडली के सात चक्र जो जीवन को ज्ञान तथा विज्ञान की तार्किक संचेतनाओं से जोड़कर अनुभूतियों के समुद्र को स्पर्श करते हैं। इन सात चक्र के बिना जीवन संभव नहीं है। मानव शरीर के सात चक्र का उल्लेख अलग-अलग प्रकार की ऊर्जा से संलिप्त हैं।

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