सावधान! राजस्थान में हीट स्ट्रोक से मौत का सिलसिला शुरू, 2809 लोग आए चपेट में,1 की मौत, छतरी और गमछ़ों का उपयोग, जानें बचाव के तरीके
निराला समाज जयपुर।
राजधानी जयपुर इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। जयपुर में रविवार को 45.6 डिग्री तापमान के साथ सीजन का दूसरा सबसे गर्म दिन रहा। जयपुर में इस सीजन तीसरी बार पारा 45 डिग्री के पास के पार हुआ है। इससे पहले 19 मई को शहर का अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री दर्ज किया गया था और 22 मई को 45.4 डिग्री दर्ज किया गया।
राजधानी में लोगों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए प्रशासन की ओर से जगह-जगह पानी की बौछारें करवाई जा रही है। कई ट्रैफिक सिग्नल पर ग्रीन शेड लगाया है। इससे लाल बत्ती पर खड़े लोगों को तेज धूप में राहत मिल रही है। ट्रैफिक की व्यवस्था देखने वाले पुलिस के जवानों को भी इस व्यवस्था से काफी राहत मिली है।
वहीं समाज सेवकों और प्रशासन की तरफ से कई जगह सार्वजनिक स्थानों पर पानी के कैंपर, मटके रखवाकर लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है।
मौसम केन्द्र जयपुर ने आज भी जयपुर में तेज गर्मी पड़ने की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तापमान भी 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की आशंका जताई है।
प्रदेश में इन दिनों हीट स्ट्रोक से लोगोंं की सेहत बिगड़ रही है। इससे एक मरीज की मौत भी हुई है। चिकित्सा विभाग ने रविवार को आंकड़े जारी कर इसकी पुष्टि की है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक मार्च तक 90 हजार 386 लोग इलाज के लिए सरकारी से की इमरजेंसी में पहुंचे थे। उनमें शामिल 2809 मरीज हीट स्ट्रोक से ग्रस्त थे। हीट स्ट्रोक की वजह से अजमेर जिले के रूपनगढ़ निवासी की एक मरीज की किशनगढ़ के जिला अस्पताल में मौत भी हुई है। विभाग द्वारा उसका केंद्रीय प्रोटोकॉल के हिसाब से डिक्लीयर भी करवाया गया है।
जिलों में जाकर फीडबैक ले प्रभारी सचिव : मुख्यमंत्री
प्रदेश में भीषण गर्मी व हीटवेव को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी प्रभारी सचिवों को फील्ड में उतारा है।
सभी प्रभारी सचिव 28 व 29 को अपने प्रभार वाले जिलों में घूमेंगे और जनता से संवाद करेंगे।
प्रभारी सचिव 30 मई को रिपोर्ट प्रशासनिक सुधार विभाग के पोर्टल पर अपलोड करेंगे। वहीं निरीक्षण कार्यों की 31 मई को होने वाली सीनियर ऑफिसर्स की मीटिंग में जानकारी देंगे।
चिकित्सा विभाग ने नौतपा को देखते हुए बनाया कंट्रोल रूम
प्रदेश में लू (हीटवेव) संबंधी उपचार एवं अन्य राहत सेवाओं के लिये राज स्तर पर कंट्रोल रूम नंबर 0141-2225000 पर, टोल फ्री नंबर 1070, आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा 108 और स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिये 104 नंबर पर सम्पर्क करें।
जगह-जगह पानी की बौछारें करवाई जा रही
राजधानी में लोगों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए प्रशासन की ओर से जगह-जगह पानी की बौछारें करवाई जा रही है। कई ट्रैफिक सिग्नल पर ग्रीन शेड लगाया है। इससे लाल बत्ती पर खड़े लोगों को तेज धूप में राहत मिल रही है। ट्रैफिक की व्यवस्था देखने वाले पुलिस के जवानों को भी इस व्यवस्था से काफी राहत मिली है।
मौसम केन्द्र जयपुर ने आज भी जयपुर में तेज गर्मी पड़ने की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तापमान भी 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की आशंका जताई है।
हवामहल में AC रूम बनाया गया
हवामहल अधीक्षक सरोजनी चंचलानी ने बताया- हवामहल में टूरिस्ट के लिए दो वाटर कूलर लगाए गए हैं। रोज पानी के कैंपर भी रखे गए हैं। फर्स्ट एड की व्यवस्था भी की गई है। पर्यटकों के लिए बैठने के लिए कुर्सियां भी लगाई गई है। एक एसी रूम भी बनाया गया है। पर्यटकों की ज्यादा तबीयत खराब होने पर इस रूम में बैठाया जाता है।
राजधानी में सीजन का दूसरा सबसे गर्म दिन रविवार को रेकॉॅर्ड हुआ। इससे पहले 19 मई को शहर का अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री दर्ज किया जा चुका है। मौसम केन्द्र के अनुसार अगले 48 घंटों में तीव्र हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। इधर, शहर में तेज गर्मी के कारण सड़कें सूनी दिखाई दे रही हैं। वाहनों की आवाजाही भी कम हो गई है। रविवार को सोडाला से अजमेर रोड तक दूर-दूर तक पसरा सन्नाटा।
भीषण गर्मी में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए की जा रही चौबीस घंटे मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहा है। सम्पूर्ण प्रदेश हीट वेव की रेड अलर्ट श्रेणी में आ गया है। सरकार प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। बिजली-पानी की उपलब्धता को लेकर चौबीस घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। पूरे प्रदेश में मौसमी बीमारियों और हीट वेव से बचाव व उपचार की पुख्ता व्यवस्थाएं की हैं। साथ ही, पशुधन एवं गौवंश के लिए भी दवा-पानी की व्यवस्था की गई है।
हीट स्ट्रोक से बचाव के तरीके
सीएमएचओ ने बताया कि जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें।
गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पिएं एवं पेय पदार्थो जैसे निंबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करें। अधिक गर्मी से प्राय हाईरिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं। यथासंभव इन्हें बाहर न निकलने दें व इनका विशेष ध्यान रखें। स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।
लू के दौरान क्या करें, क्या न करें
– दोपहर 12 से 3 बजे के दौरान धूप में बाहर निकलने से बचें, जरूरत हो तभी बाहर निकलें
– पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पीते रहें
– हल्के रंग के, ढीले और आरामदायक सूतीकपड़े पहनें
– धूप में बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता, टोपी और जूते का उपयोग करें
– जब बाहर का तापमान अधिक हो तो अधिक श्रम वाले कार्य न करें
– यात्रा करते समय अपने साथ शीतल पेयजल रखें
– शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड युक्त शीतल पेय का सेवन नहीं करे, जो शरीर को निर्जलित करते हैं
– उच्च प्रोटीन युक्त भोजन और बासी भोजन का सेवन न करें
– पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें
– यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो तुरंत डाक्टर से परामर्श लें
– ओआरएस, घर पर बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है– लू से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए सुझाव
– व्यक्ति को छाया मेलिटाएं और शरीर को गीले कपड़े से बार-बार पोछें या धोएं। शरीर के तापमान को कम करने के लिए सामान्य तापमान का पानी सिर पर डालें– शरीर को हाइड्रेट करने के लिए ओआरएस, घर पर बने पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ आदि पिलाएं
– अगर रोगी को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है तो तत्काल निकट के स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल ले जाएं क्योंकि हीट स्ट्रोक घातक हो सकता है