सफेद सोना उगा रहे भरतपुर के किसान, प्रति एकड़ 100 क्विंटल तक उपज; बाजार में दोगुना मिल रहा रेट

Last Updated:October 30, 2025, 09:09 IST
White Marigold Flower Cultivation:भरतपुर के शेरगढ़ और सिकंदरा इलाके के किसान अब पारंपरिक फसलों की जगह सफेद गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. इस खेती ने किसानों की आय को दोगुना कर दिया है. सफेद गेंदा शादी-विवाह, पूजा और धार्मिक आयोजनों में अधिक मांग वाला फूल बन गया है. इससे ग्रामीण महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है और क्षेत्र आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बन गया है.
भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर स्थित शेरगढ़ और सिकंदरा क्षेत्र के किसान इन दिनों सफेद गेंदे की खेती से नई मिसाल कायम कर रहे हैं. जहां पहले किसान पारंपरिक फसलों जैसे बाजरा, गेहूं या सरसों की खेती पर निर्भर रहते थे, वहीं अब वे फूलों की खेती विशेष रूप से सफेद गेंदा उगाकर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. इस बदलाव ने न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर भी दिया है.
किसानों का कहना है कि सामान्य पीले या नारंगी गेंदे की तुलना में सफेद गेंदा बाजार में अधिक मांग में रहता है. इसकी खूबसूरत रंगत और तेज खुशबू इसे शादी समारोहों धार्मिक आयोजनों और पूजा स्थलों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाती है. यही वजह है कि स्थानीय बाजार से लेकर जयपुर, आगरा और दिल्ली तक के व्यापारी भरतपुर के सफेद गेंदे की मांग करते हैं. अब सफेद गेंदे की खेती से किसानों को दोगुना मुनाफा हो रहा है.
एक एकड़ में 100 क्विंटल तक पैदावार संभव
सफेद फूल की एक एकड़ में औसतन 80 से 100 क्विंटल तक पैदावार हो जाती है और बाजार में इसका भाव 80 से 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाता है. इतना ही नहीं गेंदा फूल को लगभग हर मौसम में उगाया जा सकता है. इससे किसानों को लगातार आमदनी का जरिया मिलता है. सफेद गेंदे की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी और हल्की धूप सबसे उपयुक्त मानी जाती है. सिंचाई की उचित व्यवस्था और जैविक खाद के प्रयोग से इसकी गुणवत्ता और भी बेहतर हो जाती है. शेरगढ़ और सिकंदरा के कई युवा किसान भी अब इस खेती को अपनाकर कृषि उद्यमी बन रहे हैं.
महिलाओं को भी मिल रहा है रोजगार
गांवों में महिलाएं भी फूल तोड़ने, मालाएं बनाने और पैकिंग के काम में हिस्सा ले रही हैं. जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर मिले हैं. आज सफेद गेंदे की खुशबू केवल खेतों तक सीमित नहीं रही बल्कि यह किसानों की तरक्की और आत्मनिर्भरता की पहचान बन चुकी है. भरतपुर का यह क्षेत्र अब फूलों की खेती के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां हर खेत से सफलता की खुशबू महक रही है.
deep ranjan
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
October 30, 2025, 09:08 IST
homeagriculture
सफेद सोना उगा रहे भरतपुर के किसान, बंपर पैदावार के साथ कमाई भी हो रही तगड़ी



