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Bhilwara News: श्मशान में देखा अंतिम संस्कार करते…फिर महिला ने शुरू कर दिया ये काम, सुनकर चौंक जाएंगे आप

Last Updated:March 17, 2025, 17:56 IST

आज हम आपको भीलवाड़ा की एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो श्मशान में दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए फागोत्सव का आयोजन कर भजन कीर्तन गाती हैं और कई सालों से यह कार्य कर रही हैं. ऐसे में एक बार …और पढ़ेंX
श्मशान
श्मशान में भजन करती यह महिला

हाइलाइट्स

भीलवाड़ा की महिला श्मशान में भजन-कीर्तन करती हैंरजविंदर कौर 6 साल से श्मशान में भजन कर रही हैंश्मशान में फागोत्सव का आयोजन किया गया

भीलवाड़ा – श्मशान का नाम सुनते ही महिलाएं श्मशान जाने से संकोच करती हैं, मगर भीलवाड़ा की रहने वाली एक महिला ऐसी भी है, जो न केवल श्मशान में जाती है, बल्कि अपनी मंडली के साथ दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए श्मशान में भजन-कीर्तन करती है. यह महिला कई सालों से श्मशान में भजन कीर्तन कर रही है और इसी क्रम एक बार फिर भीलवाड़ा शहर के गांधीनगर में स्थित गांधीनगर मोक्ष धाम में मुक्ति विकास समिति की ओर से श्मशान में फागोत्सव का आयोजन किया गया.  इस फागोत्सव में महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया. जहां श्री कृष्ण और राधा रानी के भजनों की प्रस्तुतियां दी गई, और महिलाओं द्वारा भगवान के संग फूलों की होली खेली गई,  लेकिन अब आपके मन में एक सवाल होगा, कि आखिर महिला द्वारा इस तरह श्मशान में कार्यक्रम की शुरुआत कैसे और क्यों की गई, तो चलिए जानते हैं इस बारे में भी

दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए करते हैं भजनभीलवाड़ा शहर के सुभाष नगर में रहने वाली कीर्तन गायिका रजविंदर कालरा कौर ने कहा, कि भीलवाड़ा के गांधीनगर मोक्ष धाम में फागोत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें हमने श्री कृष्ण – राधा रानी की झांकी भी लगाई है. इस दौरान भजनों को गाते हुए महिला और पुरुषों ने फूलों से भगवान के साथ होली खेली है. आगे वे कहती हैं, कि हम करीब 6 साल से शमशान में भजन कीर्तन करते हुए आ रहे हैं. वहीं 3 साल से गांधीनगर गांव में फागोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. आगे वे कहती हैं, कि लोग पूछते हैं कि श्मशान में नाच गाना क्यों , उत्सव क्यों, तो हम कहते हैं कि जिंदा रहते हुए भी लोग उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं और कई महात्माओं को भी बैंड बाजे और ढोल नगाड़ों के साथ लेकर आते हैं, लेकिन बाद में उन्हें भूल जाते हैं, ऐसे में दिवंगत लोगों की आत्मा को मोक्ष प्राप्ति के लिए हम श्मशान में भजन कीर्तन और फागोत्सव मनाते हैं.

इस तरह श्मशान में भजन करने का आया ख्यालरजविंदर कौर उर्फ कालरा दीदी आगे बताती हैं, कि 2018 में जब मैं किसी कारण से हताश हो गई थी, तो मैं श्मशान गई. वहां मैंने देखा कि एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए कुछ लोग आए थे. मगर अंतिम संस्कार पूरा किए बिना चले गए. तब मैंने देखा कि मौत के बाद व्यक्ति अपने साथ कुछ नहीं ले जाता. आगे वे बताती हैं, कि तब मेरे मन में विचार आया कि कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनको मरने के बाद भी कुछ नसीब नहीं होता है, तो कुछ लोगों के लिए उनके परिजन सत्संग जैसे कई कार्यक्रम करते हैं. तब मैंने भी सोचा कि क्यों ना श्मशान में जाकर सभी धर्म के लोगों की आत्मा की शांति के लिए सत्संग किया जाए.

मैंने यह बात अपनी मंडली के समक्ष रखी. पहले तो सबने मेरा मजाक उड़ाया. बाद में शांति प्रकाश मेहता ने मेरी बात गंभीरता से समझी. फिर हमने 5 जनवरी 2019 को भीलवाड़ा शहर के पंचमुखी मोक्षधाम में पहला हरि कीर्तन आयोजित किया. इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. जिसके बाद हमारा हरि कीर्तन दो – तीन महीने तक चलता रहा. आगे वे बताती हैं, कि बाद में भीलवाड़ा में कोरोना ने दस्तक दे दी, और फिर कोरोना काल में कुछ लोगों ने तो हमारा साथ छोड़ दिया. मगर कुछ लोग निरंतर हमारे साथ बने रहे. हमने कोरोना काल में भी अलग-अलग श्मशान में जाकर हरि कीर्तन किए हैं. आज हमें पूरे 6 साल हो गए हैं और हम निशुल्क भजन कीर्तन करते हैं


Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

March 17, 2025, 17:56 IST

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श्मशान में देखा अंतिम संस्कार करते… फिर महिला ने शुरू कर दिया ये काम

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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