Bhomesh, son of goat herder, selected in MBBS, first in Sansi community.

Last Updated:October 26, 2025, 09:51 IST
Bikaner News: बीकानेर के भोमेश सांसी, बकरी चराने वाले एक गरीब मजदूर के बेटे, ने NEET में सफलता पाकर MBBS में चयन प्राप्त किया है. वह सांसी समाज के पहले युवक हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उनकी यह मेहनत और लगन पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
भोमेश सांसी समाज का पहला MBBS छात्र बना, परिवार और गांव में जश्न.
बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर जिले की लूनकरनसर तहसील के नाथवाणा निवासी भोमेश सांसी ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद MBBS में चयन प्राप्त कर न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे सांसी समाज का नाम रोशन किया है. भोमेश के पिता मुखराम सांसी एक गरीब मजदूर हैं, जो बकरियां चराकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि मुखराम जी को पिछले पाँच सालों में दो बार गंभीर पेट और सिर की सर्जरी भी करवानी पड़ी है.
भोमेश के माता-पिता दोनों निरक्षर हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बेटे की शिक्षा पर कोई समझौता नहीं किया. उनकी इस प्रेरणा और भोमेश की मेहनत व लगन ने आज यह ऐतिहासिक सफलता दिलाई है. यह उपलब्धि न केवल भोमेश के लिए एक नया रास्ता खोलती है, बल्कि पूरे गांव और सांसी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है. भोमेश का चयन जोरहाट मेडिकल कॉलेज में MBBS कोर्स के लिए हुआ है.
शिक्षा और तैयारी में संघर्षभोमेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल से पूरी की. मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी के लिए उन्होंने अपने मामा तेजारामजी फोजी के मार्गदर्शन में सीएलसी सीकर में कोचिंग ली. इस दौरान परिवार और रिश्तेदारों ने हर संभव आर्थिक और नैतिक सहयोग दिया. तमाम कठिनाइयों और चुनौतियों को पार करते हुए भोमेश ने अपनी मेहनत से इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की.
सांसी समाज में पहली उपलब्धि और गर्व का विषयभोमेश बीकानेर जिले के सांसी समाज के पहले युवक हैं, जिन्होंने MBBS में चयन पाया है. यह सफलता उनके पूरे समाज के लिए गर्व का विषय है और भविष्य के छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनी है. भोमेश के चयन ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों.
सरकार से सहयोग की उम्मीदभोमेश के परिवार ने अब सरकार से छात्रवृत्ति और आर्थिक सहायता की मांग की है ताकि उनकी मेडिकल शिक्षा के भारी खर्चों को पूरा किया जा सके. ग्रामीणों ने भोमेश की इस सफलता पर जमकर जश्न मनाया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.
Location :
Bikaner,Bikaner,Rajasthan
First Published :
October 26, 2025, 09:49 IST
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बकरी चराने वाले के बेटे का MBBS में हुआ चयनित, अपने समाज का पहला डॉक्टर….



