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राजस्थान में 6 जून बाद बड़े बदलाव, IAS अखिल अरोड़ा को झेलनी पड़ सकती है ACB जांच:योजना भवन में 2.31 करोड़ कैश-गोल्ड मामले में रिपोर्ट तैयार, एक अन्य IAS भी रडार पर,विदेश गए मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी चर्चा में

प्रेम शर्मा जयपुर।

सरकार बदलनी है तो अ​धिकारियों के दिन मान भी बदल जाते है कोई बर्फ में लग जाता है तो कोई अहम बन जाता है। यह सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है लेकिन इस बार मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने ऐसे कोई कदम नहीं उठाया। लेकिन अब जैसे-जैसे 4 जून नजदीक आ रही है राजस्थान की टॉप ब्यूरोक्रेसी में इन 3 बड़े IAS अफसर चर्चा में बने हुए हैं। एक सीनियर IAS अखिल अरोड़ा को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच झेलनी पड़ सकती है। ये जांच योजना भवन के बेसमेंट में मिले 2.31 करोड़ कैश और गोल्ड से जुड़ी है। दूसरे अ​धिकारी गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द कुमार की जांच मुख्य सचिव सुधांश पंत के स्तर पर हो सकती है। तीसरे सीएमओ में महत्वपूर्ण पद पर आसीन अ​धिकारी ​शिखर अग्रवाल है जो इन दिनों अपनी जिम्मेदारी छोड़ विदेश में विराजमान है और जयपुर उनकी 2 जून को वापसी है।

एक आईएएस अफसर के खिलाफ मुख्य सचिव सुधांश पंत के स्तर पर जांच की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो दोनों आईएएस अफसरों का बदला जाना तय है। इन्हें संभवत: ‘ठंडी’ पोस्टिंग पर भेजा जाएगा। इसके अलावा एक और IAS अफसर का छुट्टियों पर विदेश जाना चर्चा में बना हुआ है और उनकी जिम्मेदारी को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को ही वहन करनी पड़ रही है अत: आने के बाद उन्हें भी ठंडे बस्ते में डाल दे तो कोई बड़ी बात नहीं।

इन अफसरों को लेकर क्या विवाद है? आखिर क्यों बड़े एक्शन के संकेत मिल रहे हैं? क्या इनकों पदों से हटाया जान सरकार की रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा रहेगी या फिर जिस तरह की कार्यवाही के संकेत मिल रहे है वह ठंडे बस्ते में चली जाएंगी। यह तो 4 जून को लोकसभा परिणाम आने के बाद 6 जून के बाद ही सामने आएगा लेकिन यह तय है कि राजस्थान सरकार ब्यूरो क्रेेसी में बड़े बदलाव का मानस बना चुकी है और बड़े स्तर पर आईएएस,आईपीएस,आरएएस और आरपीएस के हेरे-फेर होगें । कुछ पांच सालों के लिए बर्फ में लगेंगे तो कुछ ऐसे होगें जिन्हें अहम सुख पांच साल के लिए भोगने को मिलेगा।

1. अखिल अरोड़ा : योजना भवन में गोल्ड कैश मामला, एसीबी को मिल सकती है जांच की मंजूरी

अखिल अरोड़ा वर्तमान में फाइनेंस डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।

अखिल अरोड़ा वर्तमान में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। वे पिछली कांग्रेस सरकार में भी वित्त विभाग की कमान संभाल रहे थे।कांग्रेस सरकार के दौरान मई- 2023 में योजना भवन के बेसमेंट में एक लॉकर से दो करोड़ 31 लाख रुपए और एक किलो सोने की सिल्ली बरामद होने की घटना घटी थी।

तब कुछ कार्मिकों को गिरफ्तार भी किया गया था। मामले की जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कर रही थी। तब वित्त विभाग व सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ही थे। इस मामले की जांच राज्य सरकार की एजेंसी सीबी भी करना चाहती है।

जांच के लिए एसीबी ने गत दिनों राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के आयुक्त इंद्रजीत सिंह (आईएएस) से रिपोर्ट मांगी गई थी। सिंह ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट एसीबी के लिए पॉजिटिव है। एसीबी को इस रिपोर्ट के आधार पर अरोड़ा के खिलाफ जांच शुरू करने की इजाजत मिल सकती है।

सीएम भजनलाल शर्मा ने इस तरह के सभी मामलों पर फैसला करने की डेडलाइन 31 मई तय की है। चूंकि यह मामला कार्मिक विभाग देख रहा है, जो मुख्यमंत्री के पास है। ऐसे में वे खुद 31 मई को इस जांच की मंजूरी पर अपना फैसला करेंगे।

योजना भवन के आईटी कार्यालय के बेसमेंट में 20 मई 2023 को 2.31 करोड़ रुपए कैश और एक किलो सोना बरामद हुआ था।

योजना भवन के आईटी कार्यालय के बेसमेंट में 20 मई 2023 को 2.31 करोड़ रुपए कैश और एक किलो सोना बरामद हुआ था।

एसीबी की जांच आगे क्यों नहीं बढ़ सकी थी?

योजना भवन में मिले गोल्ड और कैश के मामले में एसीबी ने अक्टूबर 2023 में एफआईआर दर्ज की थी। एसीबी के तत्कालीन डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने 6 अक्टूबर को कार्मिक विभाग को लेटर लिखकर आईटी विभाग के तत्कालीन एसीएस अखिल अरोड़ा की भूमिका की जांच के लिए मंजूरी देने का लेटर लिखा था।

लेकिन अरोड़ा के खिलाफ जांच पर मंजूरी देने या नहीं देने पर कोई फैसला अब तक नहीं हो पाया है। अब इस पर जल्द फैसला होना तय माना जा रहा है, क्योंकि IT विभाग से मांगी गई रिपोर्ट भी IT आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने भेज दी है।

विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने बनाया था मुद्दा

कांग्रेस राज के दौरान इस मामले को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया था। विधानसभा चुनावों के दौरान भी यह कांग्रेस सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा था। मौजूदा कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इसकी जांच के लिए केंद्र और राज्य सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी।

एसीबी ने इस मामले में आईटी विभाग के अफसर वेद प्रकाश यादव को अरेस्ट किया था।

एसीबी ने इस मामले में आईटी विभाग के अफसर वेद प्रकाश यादव को अरेस्ट किया था।

ईडी में भी जांच जारी

योजना भवन में गोल्ड और कैश मिलने के मामले में ईडी भी जांच कर रही है। ईडी ने एसीबी की एफआईआर को आधार बनाकर ही जांच शुरू की थी।

एसीबी ने आईटी विभाग के अफसर वेद प्रकाश यादव को अरेस्ट किया था। इसके बाद ईडी ने भी वेद प्रकाश के खिलाफ अलग से केस दर्ज जांच शुरू की। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इसकी जांच कर रही है। जांच का मुख्य फोकस गोल्ड और कैश किसका था, इस पर है।

पेंडिंग जांच के अन्य मामलों में 31 मई डेडलाइन

अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों में जांच की मंजूरी के 500 से ज्यादा मामले पेंडिंग चल रहे हैं। बड़े अफसरों के खिलाफ सरकार की मंजूरी के बिना जांच आगे बढ़ाने का प्रावधान नहीं है। सरकारी विभागों में अनुमति लंबित रहने से जांच आगे नहीं बढ़ पाती। अब मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ऐसे सभी मामलों में फैसला करने के लिए 31 मई तक की डेडलाइन तय कर दी है।

2. IAS आनंद कुमार : RPS अफसरों का पदोन्नति विवाद, मुख्य सचिव तक पहुंची शिकायत

आईएएस आनंद कुमार गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।

आईएएस आनंद कुमार गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।

आनंद कुमार गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में भी वे इसी ताकतवर विभाग की कमान संभाल रहे थे। हाल ही में 14 मई-2024 को उनके मातहत पुलिस विभाग में आरक्षित वर्ग के 17 आरपीएस अफसरों के पदोन्नति आदेश जारी हुए। इन आदेशों के तहत उन 17 आरपीएस अफसरों को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के पदों पर पदोन्नति दी गई। जिन पदों पर उन्हें पदोन्नति दी गई वे सभी पद सामान्य श्रेणी के थे। इन आदेशों को गैर कानूनी बताते हुए कुछ लोगों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने इन आदेशों पर स्टे ऑर्डर दे दिया।

पदोन्नति के इन विभागीय आदेशों को सामाजिक संगठन समता आंदोलन ने अवैध बताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व मुख्य सचिव सुधांश पंत को ज्ञापन सौंपा है। इस संगठन के अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने बताया कि हमने ज्ञापन में मांग की है कि आनंद कुमार को इस पद से न केवल हटाया जाए, बल्कि उनके खिलाफ फौजदारी मुकदमा चलाया जाए। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव के स्तर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार की भूमिका के संबंध में जल्द ही जांच शुरू हो सकती है।

समता आंदोलन समिति की ओर से मुख्य सचिव को की गई शिकायत।

समता आंदोलन समिति की ओर से मुख्य सचिव को की गई शिकायत।

3. शिखर अग्रवाल : CM के अतिरिक्त मुख्य सचिव लंबी छुट्टियों पर, राजस्थान में पहला मामला

सचिवालय में एक अन्य आला आईएएस अफसर शिखर अग्रवाल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (सीएमओ) के पद पर तैनात हैं। इस पद को ब्यूरोक्रेसी में पहले-दूसरे नंबर का ताकतवर पद माना जाता है।

अग्रवाल पिछले 15 दिनों से निजी यात्रा पर अमेरिका छुट्टियों पर गए हुए हैं। वे 2 जून को वापस लौटेंगे। राजस्थान के इतिहास में यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री के सचिव (प्रमुख या अतिरिक्त) रहते हुए कोई आईएएस अफसर निजी छुट्टियों पर इतनी लंबी अवधि के लिए विदेश गए हों।

शिखर अग्रवाल सीएमओ के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।

शिखर अग्रवाल सीएमओ के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं

ब्यूरोक्रेसी में यह चर्चा आम है कि जब सीएम को अपने काम खुद निपटाने पड़ रहे हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ही छुट्टियों पर हों तो अहम प्रशासनिक मामलों पर फैसले भी पेंडिंग ही होने हैं। इन दिनों सीएम स्वयं चूंकि चुनावी दौरों में व्यस्त हैं और चुनाव आचार संहिता भी लागू है तो अग्रवाल का छुट्टियों पर जाना किसी को वाजिब नहीं लग रहा।

5-6 जून के बाद ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव संभव

अगले एक सप्ताह राजस्थान काडर के 50 आईएएस अफसर और 60 आरएएस अफसर राजस्थान से बाहर रहेंगे। वे वहां चुनाव संबंधी कार्यों में ड्यूटी पर रहेंगे। 30-31 मई को सभी अफसर रवाना होंगे और 4 जून को मतगणना पूरी होने के बाद 5-6 जून को वापस जयपुर पहुंचेंगे। अब 5-6 जून के बाद राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी के पदों पर महत्वपूर्ण बदलाव होना तय माना जा रहा है।

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय से विभागों में लगे अफसरों का भी तबादला हो सकता है। प्रवीण गुप्ता, हेमंत गेरा और केके पाठक तीनों आईएएस अफसर भी अब तक उन्हीं विभागों की कमान संभाल रहे हैं, जहां वे पिछली कांग्रेस सरकार में थे। गुप्ता मुख्य निर्वाचन अधिकारी, गेरा प्रमुख कार्मिक सचिव और पाठक शासन सचिव वित्त (रेवेन्यू) के पद पर कार्यरत हैं। गुप्ता और गेरा जुलाई 2020 से और पाठक जुलाई 2022 से इन्हीं पदों पर हैं।

हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए एक विशेष साक्षात्कार में सीएम भजनलाल ने टॉप ब्यूरोक्रेसी के पदों पर सरकार बदलने के बाद भी अब तक बदलाव नहीं होने पर जवाब दिया है कि केवल बदलाव करना उनका उद्देश्य नहीं है, बल्कि सिस्टम को ठीक करना है। जहां-जहां भी बदलाव की जरूरत होगी जरूर करेंगे।

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