बिहार विधानसभा चुनाव: राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की नई रणनीति

Last Updated:February 17, 2025, 15:14 IST
Bihar Politics News: क्या कांग्रेस बिहार प्लान पर काम कर रही है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे लगातार बिहार…और पढ़ें
राहुल गांधी के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे और कृष्णा अल्लावरु का बिहार दौरा.
हाइलाइट्स
कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी. 22 फरवरी को मल्लिकार्जुन खड़गे का बिहार दौरा. दलितों को आकर्षित करने की कोशिश में है कांग्रेस. बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी बने हैं कृष्णा अल्लावरु.
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बड़े प्लान पर जुट गई है. बीते एक महीने की कांग्रेस की एक्टिविटी को देखें तो राहुल गांधी दो बार बिहार दौरे पर आ चुके हैं और अब 22 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार में बक्सर के दौरे पर रहेंगे. इसके पहले 20 फरवरी से बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी कृष्णा अल्लावरु बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचेंगे और कांग्रेस के नेताओं से प्रदेश में सांगठनिक मामलों पर विमर्श करेंगे. कहा जा रहा है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में कांग्रेस की स्थिति पर भी पार्टी के भीतर मंथन करेंगे और रणनीति पर प्रदेश के नेताओं से चर्चा करेंगे. राजनीति के जानकार राहुल गांधी की बिहार को लेकर नई राजनीतिक रणनीति से जोड़कर भी देख रहे हैं.
बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे 22 फरवरी को बक्सर में पार्टी की ओर से आयोजित, ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ कार्यक्रम में शामिल होंगे. निश्चित तौर पर उनके कार्यक्रम का नाम देखते हुए कांग्रेस के एजेंडे को भी समझा जा सकता है. साफ है कि कांग्रेस अपने पुराने कोर दलित वोट को अपनी ओर फिर आकर्षित करने की कवायद में जुट गई है. मल्लिकार्जुन खड़गे को भी दलित चेहरे के तौर पर कांग्रेस प्रचारित करती रही है और अब उनका बिहार दौरा और उनका एजेंडा भी खास संदेश देता है.
राहुल गांधी के करीबी हैं बिहार के नये प्रभारी कृष्णा अल्लावरुवहीं, कांग्रेस के नये प्रभारी कृष्णा अल्लावरु राहुल गांधी के करीबी भी कहे जाते हैं. उनके आने से बिहार कांग्रेस में नया जोश देखने को मिल सकता है. कृष्णा अल्लावरु के बिहार आने को लेकर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की बातों से भी कांग्रेस की नई रणनीति का इशारा मिलता है. अखिलेश सिंह ने कृष्णा अल्लावरु के बिहार आने पर कहा कि बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी के स्वागत की तैयारी की जा रही है. कांग्रेस को मजबूती करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार विधान सभा में कांग्रेस लोकसभा के चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है.
महागठबंधन में बिहार कांग्रेस ने ठोकी है 70 सीटों की दावेदारीबता दें कि कांग्रेस ने जहां महागठबंधन में 70 सीटों पर दावेदारी ठोकी है, वहीं बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के स्ट्राइक रेट को राजद के स्ट्राइक रेट से सांकेतिक रूप से बेहतर बताती रही है. दरअसल, कांग्रेस ने 9 लोकसभा सीटों में से 3 संसदीय सीटों पर विजय प्राप्त की थी. अपररोक्ष रूप से पूर्णिया में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की सीट को भी वह अपना ही मानती है. वहीं, कांग्रेस, आरजेडी की सीट की ओर इशार करते हुए 22 सीटों में महज 4 सीटों के जीतने को लेकर भी कई बार संकेत कर चुकी है. जाहिर है कांग्रेस की मंशा समझी जा सकती है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में कैसी दावेदारी करने वाली है.
बिहार को लेकर राहुल गांधी की सक्रियता के सियासी संदेश समझियेबता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बीते 18 जनवरी को बिहार दौरे पर आए थे और उन्होंने संविधान बचाओ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस कार्यक्रम में उन्होंने बिहार में जातिगत गणना को झूठा करार देते हुए बेवकूफ बनाने वाला बताया था. जाहिर तौर पर ऐसा कहते हुए उन्होंने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव की सरकार में शामिल रहने के दौरान उनकी गिनाई जाने वाली उपलब्धियों पर सीधा हमला कर दिया था. जाति गणना पर सवाल खड़े कर राहुल गांधी ने आरजेडी को टेंशन में डाल दिया था, जिससे आरजेडी के नेता थोड़े असहज दिखने लगे थे.
राहुल गांधी ने बिहार को लेकर तुरंत सुन ली अपने मुस्लिम सांसद की मांगवहीं, इसके थोड़े ही दिनों के बाद राहुल गांधी फिर दलित नेता जगलाल चौधरी के जयंती समारोह में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे. यहां उन्होंने फिर अपने कोर वेट दलितों पर फोकस किया. मुस्लिम वोट को लेकर भी कांग्रेस पार्टी संजीदा दिखती है और हाल में ही दिल्ली चुनाव में हार के बाद कटिहार से कांग्रेस के मुस्लिम सांसद तारिक अनवर की मांग पर बिहार में सांगठनिक बदलाव की ओर आगे बढ़ चले हैं. कृष्णा अल्लावरु के बिहार प्रभारी बनने के बाद बिहार कांग्रेस में प्रदेश स्तरीय सांगठनिक बदलाव की भी उम्मीद की जा रही है.
इंडि अलायंस के पेंच का असर बिहार की राजनीति पर भी पडेगा?दरअसल, यहां महागठबंधन या इंडि अलायंस की राजनीति का वह पेंच भी फंसा हुआ है जिसमें लालू यादव के यह कहने पर की ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेता बनाया जाए, कांग्रेस को अच्छा नहीं लगा था. इसके बाद तेजस्वी यादव ने भी लालू यादव की बातों का समर्थन करते हुए इंडि अलायंस को लोकसभा चुनाव तक सीमित रहने की बात कही थी. जो कांग्रेस कांग्रेस के लिए टेंशन का सबब बन गई. अब इसका आगे क्या असर होगा यह देखना दिलचस्प होगा.
क्या बिहार में कांग्रेस नई लीक पर चल पड़ी है?हालांकि, इसके बाद भी राहुल गांधी के बिहार दौरे के दौरान उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की थी. जानकारी यह आई कि विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर भी बात हुई. लेकिन, सीटों की शेयरिंग पर क्या बात हुई इसको लेकर कोई खास अब तक सामने नहीं आया है. दूसरी ओर कांग्रेस अपनी लकीर खींच रही है, क्या नई लीक पर चल पड़ी है, ऐसा लगने लगा है. राजनीति के कई जानकार कांग्रेस के बिहार फोकस करने को भविष्य की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं.
First Published :
February 17, 2025, 15:14 IST
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क्या बिहार में नये प्लान पर बढ़ रही है कांग्रेस? अब खास रणनीति पर कर रही फोकस