National

बिहार चुनाव के नतीजे उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे; दिग्विजय सिंह का दावा, सारे वोट एक ही पार्टी को जाते हैं

नई दिल्ली. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को तीखा प्रहार करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे किसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे देशों की चुनावी पटकथा की तरह लगते हैं… जहां मतदान तो होता है, लेकिन वोट सिर्फ एक ही पार्टी की झोली में गिरते हैं. भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए ने बिहार में महागठबंधन (कांग्रेस, राजद और अन्य दल) वाले को करारी हार दी और 243 सीटों में से 200 से अधिक पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस को सिर्फ छह सीटों पर सिमटना पड़ा.

दिग्विजय सिंह ने इस नतीजे पर सीधे निशाने साधते हुए कहा, “बिहार के चुनावी नतीजे देखकर ऐसा लगता है जैसे हम किसी लोकतंत्र में नहीं, बल्कि उत्तर कोरिया, चीन या रूस जैसी तानाशाही व्यवस्थाओं की नकल देख रहे हों, जहां मतदाता चाहे जो सोचें, अंतिम नतीजा हमेशा सत्ता पक्ष के पक्ष में ही निकलता है.” गुना जिले के आवन गांव में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने संकेतों में नहीं, बल्कि साफ-साफ आरोपों में बात की कि बिहार का चुनाव परिणाम जनता की पसंद से ज्यादा, सत्ता की ताकत का प्रतिबिंब दिखता है.

‘EC की ज़िम्मेदारी है कि लोगों का EVM पर भरोसा हो’दिग्विजय सिंह ने कहा, “बासठ लाख नाम हटाए गए और 20 लाख नाम जोड़े गए. निर्वाचन आयोग (ईसी) ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किसके नाम हटाए गए और किसके जोड़े गए.” उन्होंने कहा कि यह जानना हर किसी का अधिकार है कि उसने जो वोट डाला, वह उसके इच्छित उम्मीदवार को गया या नहीं. उन्होंने कहा, “मेरे वोट की गिनती होनी चाहिए. मुझे एक रसीद मिलनी चाहिए जिससे पता चले कि मेरा वोट कहां गया. दुनिया में जहां भी ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का इस्तेमाल होता है, वहां बटन दबाने के बाद एक रसीद दी जाती है. यह निर्वाचन आयोग की ज़िम्मेदारी है कि लोगों का ईवीएम पर भरोसा हो.”

10,000 रुपए को लेकर क्या बोले दिग्विजययह पूछे जाने पर कि क्या महिला उद्यमियों को 10,000 रुपये देने वाली ‘मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना’ बिहार चुनावों में एक मुद्दा बनी, कांग्रेस नेता ने कहा, “यह पैसा किसका है? यह जनता का पैसा है. आप एक हाथ से जनता से पैसा लेते हैं और दूसरे हाथ से उसे वापस कर देते हैं.” मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, सिंह ने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने की ज़िम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है.

उन्होंने निर्वाचन आयोग के सिलसिले में कहा, “उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फ़ॉर्म भरा जाए. अब वे कह रहे हैं कि आप फ़ॉर्म भरें, अपने पिता का जन्म प्रमाण पत्र लाएं, अपने दादा का जन्म प्रमाण पत्र लाएं. जिसने मैट्रिक पास नहीं किया है, वह मैट्रिक का प्रमाण पत्र कहां से लाएगा.”

आधार को लेकर चुनाव आयोग पर साधा निशानाउन्होंने निर्वाचन आयोग पर प्रक्रिया को जटिल बनाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “आपका पासपोर्ट आधार से बनता है और आप आधार से बैंक खाता खोल सकते हैं. फिर यहां आधार का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसा कह चुका है. उन्होंने 11 दस्तावेज़ों की सूची दी है, लेकिन आधार को शामिल नहीं किया है.”

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj