Bikaner News: चालीस हजार किलो घी से बना है ये मंदिर, सीमेंट में पानी की जगह मिलाया गया शुद्ध देसी घी, गर्मी पड़ते ही रिसने लगती है दीवार
बीकानेर: दुनिया में ऐसी कई इमारतें हैं जो अजीबोगरीब कारणों से मशहूर हैं. किसी का डिजाइन उसे यूनिक बनाता है तो किसी को बनाने में ऐसी चीज का इस्तेमाल किया गया कि जानकर हैरानी होती है. राजस्थान के बीकानेर में एक ऐसा ही मंदिर है, जो बेहद ख़ास वजह से मशहूर है. आमतौर पर जब कोई इमारत बनाई जाती है तो उसमें ईंट, सीमेंट, रेत और पानी का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं उसके निर्माण में चालीस हजार किलो घी का इस्तेमाल किया गया था.
हम बात कर रहे हैं बीकानेर स्थित भांडाशाह जैन मंदिर की. ये मंदिर काफी मशहूर है. टूरिस्ट्स इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं. इस मंदिर के नींव को पानी नहीं बल्कि घी से सींचा गया है. सबसे खास बात ये है कि मंदिर का निर्माण चालीस हजार किलो घी से किया गया है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इसमें घी का इस्तेमाल क्यों किया गया? तो आइये आपको इसके पीछे की दिलचस्प स्टोरी भी बता देते हैं.
व्यापारी की ली गई थी परीक्षाइस मंदिर को पांच शताब्दी पुराना बताया जाता है. कहते हैं कि इसका निर्माण 1468 में भांडा शाह नाम के व्यापारी ने करवाया था. उनके निधन के बाद उनकी निर्माण कार्य पूरा करवाया था. भांडाशाह के नाम पर ही इस मंदिर का नामकरण किया गया. ऐसा कहा जाता है कि भांडाशाह घी के व्यापारी थे. एक बार जब मंदिर बनाने के लिए उनकी ठेकेदार के साथ बातचीत चल रही थी तब उनकी दुकान पर रखे घी में मक्खी गिर गई. व्यापारी ने घी से मक्खी को निकाला और उसे अपने जूते पर घिसकर उसे चमका लिया. तब ठेकेदार ने व्यापारी की परीक्षा लेने की सोची.