Rajasthan

VAYU DHARINI PURNIMA 2021 WIND BLOWING – पश्चिम से पूर्व की ओर बही हवा, फिर अग्निकोण का रुख

वायु धारिणी पूर्णिमा (Vayu Dharini Purnima) पर शुक्रवार को शहर में दो जगहों पर वायु परीक्षण कर मौसम का पूर्वानुमान लगाया गया। जंतर—मंतर पर सम्राट यंत्र पर वायु परीक्षण के दौरान हवा पश्चिम से पूर्व की ओर बही (wind blowing from west to east)। टोंक रोड पर हुए वायु परीक्षण में हवा पश्चिम से पूर्व की ओर बही, यहां ज्योतिषियों ने सुवष्टि यानी अच्छी वर्षा का योग बताया।

पश्चिम से पूर्व की ओर बही हवा, फिर अग्निकोण का रुख
— वायु धारिणी पूर्णिमा : शहर में दो जगहों पर हुआ वायु परीक्षण

जयपुर। वायु धारिणी पूर्णिमा (Vayu Dharini Purnima) पर शुक्रवार को शहर में दो जगहों पर वायु परीक्षण कर मौसम का पूर्वानुमान लगाया गया। जंतर—मंतर पर करीब 95 फुट उंचे सम्राट यंत्र पर सूर्यास्त के समय वायु परीक्षण के दौरान हवा पश्चिम से पूर्व की ओर बही (wind blowing from west to east), वहीं कुछ सैंकड के लिए हवा ने अग्निकोण की ओर रुख किया। ज्योतिषियों ने इसे खंडवृष्टि यानी कहीं अधिक तो कहीं मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया। वहीं टोंक रोड पर हुए वायु परीक्षण में हवा पश्चिम से पूर्व की ओर बही, यहां ज्योतिषियों ने सुवष्टि यानी अच्छी वर्षा का योग बताया।

जंतर—मंतर पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक ने ध्वजा पूजन किया। इसके बाद विद्वानों ने सम्राट यंत्र पर सूर्यास्त के समय ध्वजा से हवा के रुख देख बारिश का पूर्वानुमान लगाया। ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि सूर्यास्त के समय एक मिनट के लिए वायु परीक्षण कर हवा का रुख देखा गया, इसमें हवा पश्चिम से पूर्व की ओर बही, कुछ सैंकड के लिए हवा अग्निकोण की ओर बही, जो खंडवृष्टि को दर्शा रही है। योगायोग भी 15 अगस्त से 15 सितंबर तक कुछ स्थानों पर अतिवृष्टि को दर्शा रहे है। ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया कि हवा के रुख से खंडवृष्टि के योग बन रहे है। कहीं कम तो कहीं अधिक वर्षा होने के संकेत दे रहे है।

यहां सुवृष्टि का आंकलन
टोंक रोड पर अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान की ओर से एक होटल में हुए वायु परीक्षण किया गया। यहां हवा पश्चिम से पूर्व की ओर बही, जिसे ज्योतिषियों ने सुवृष्टि के योग बताए। ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि मैदिनी ज्योतिष के अनुसार आषाढ़ी पूर्णिमा को प्रवाहित होने वाली वायु भविष्य में होने वाली वर्षा का संकेत करती है। सूर्यास्त के समय हवा पश्चिम से पूर्व की ओर चली। इससे प्रदेश में इस बार श्रावण मास के दौरान सुवृष्टि होने के आसार हैं। पैदावार समयानुकूल होगी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनिल स्वामी ने बताया कि वायुपरीक्षण में देशभर से 100 से अधिक ज्योतिष ऑनलाइन शामिल हुए। उन्होंने बताया कि भारत के पश्चिमी राज्यों में वर्षा की अनियमितता रहेगी और वायु प्रदूषण के कारण जनता उमस से परेशान रहेगी। मेघेश जलतत्व की राशि में होने से कहीं अतिवृष्टि, बाढ़, ओलावृष्टि या अल्पवृष्टि से फसलों में क्षति होने की संभावना होगी। राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में खंडवृष्टि के साथ सुवृष्टि के योग रहेंगे। अगस्त में मंगल के अस्त व बुध के उदय होने से भारत के सभी राज्यों में मानसून सक्रिय होगा।

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