Customers can take advantage of new rbi rule banks to pay fine from October 01

Reserve Bank Of India की ओर से जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक अगर किसी बैंक के एटीएम में 1 महीने के अंदर 10 घंटे से ज्यादा समय तक कैश न रहने पर बैंक को प्रति एटीएम 10 हजार रुपए और एटीएम से पैसा कटने पर ग्राहक को उसका भुगतान पांच दिनों के अंदर न करने पर प्रति दिन 100 रुपए के हिसाब से हर्जाना देना होगा।

नई दिल्ली। अभी तक अधिकांश मामलों में किसी भी गलतियों के लिए बैंकों द्वारा ग्राहकों से हर्जाना वसूला जाता रहा है। लेकिन अब ग्राहक भी एटीएम सेवा में कमी के बदले बैंक से हर्जाना हासिल कर सकते हैं। लेकिन इसका लाभ वहीं ग्राहक उठा सकते हैं जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ) द्वारा एटीएम को लेकर जारी नए नियमों की जानकारी हो। नए नियमों के मुताबिक अब 01 अक्टूबर से बैंकों को भी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। ग्राहक एटीएम से संबंधित आरबीआई के नए नियम के आधार पर इसकी शिकायत कर कैश में लाभ उठा सकते हैं।
ये हैं RBI के नए नियम
भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को यह अधिकार दिया है कि अगर एटीएम इस्तेमाल के समय गलती से किसी यूजर का पैसा कट जाय, तो वह बैंक से हर्जाना वसूल सकता है। अगर कार्ड जारी करने वाला बैंक 5 दिन के अंदर पैसा वापस नहीं करता है तो ग्राहक को उसके बाद प्रतिदिन 100 रुपए के हिसाब से जुर्माना मिलेगा। इसके लिए यूजर को कहीं आवेदन करने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने बैंकों की ओर से लचर एटीएम सेवा मुहैया कराने पर भी प्रति एटीएम 10 हजार रुपए बतौर हर्जाना वसूलने का ऐलान किया हैं। यह कदम आरबीआई ने एटीएम में नकदी उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को होने वाली असुविधाओं को दूर करने के मकसद से उठाया है। नए नियमों के मुताबिक एटीएम (ATM) में समय पर पैसा नहीं डालने वाले संबंधित बैंक पर वह 10,000 रुपए का जुर्माना आरबीआई लगाएगा। आरबीआई किसी एक महीने में एटीएम में 10 घंटे से अधिक समय तक नकदी नहीं रहने पर संबंधित बैंकों पर यह जुर्माना लगाएगा। यह व्यवस्था एक अक्टूबर 2021 से लागू होगी।
ATM में पैसा मुहैया कराना बैंक की जिम्मेदारी
आरबीआई की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि एटीएम में नकदी नहीं डालने को लेकर जुर्माना लगाने की व्यवस्था का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि लोगों की सुविधा के लिए इन मशीनों में पर्याप्त धन उपलब्ध हो। रिजर्व बैंक को नोट जारी करने की जिम्मेदारी मिली हुई है। वहीं बैंक अपनी शाखाओं और एटीएम के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से जनता को पैसे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निभाते हैं। इसीलिए यह निर्णय किया गया कि बैंक/व्हाइटलेबल एटीएम परिचालक एटीएम में नकदी की उपलब्धता को लेकर अपनी प्रणाली को मजबूत बनाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मशीन में नकदी समय पर डाली जाए ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो। ऐसा न करने पर उसे गंभीरता से लिया जाएगा और मौद्रिक जुर्माना लगाया जाएगा।
बैंक हर्जाना न दे तो ग्राहक करें ये काम
अगर ग्राहकों को कार्ड इश्यू करने वाले बैंक ने हर्जाना नहीं दिया तो वह बैंक को शिकायत कर सकता है। बैंक को उसकी शिकायत दूर करनी होगी। नए नियमों के मुताबिक अगर यहां पर भी बैंक सुनवाई नहीं करता है तो यूजर 30 दिन के बाद बैंकिंग लोकपाल में भी शिकायत कर सकता है। जहां पर उसकी शिकायत का निपटारा किया जाएगा। बता दें कि देश भर में विभिन्न बैंकों के जून 2021 के अंत तक 2,13,766 एटीएम थे