Board To Return The Examination Fee Of The Students – स्टूडेंट्स का परीक्षा शुल्क लौटाए बोर्ड

संयुक्त अभिभावक संघ ने की मांग

जयपुर, 6 जून
कोविड के दुष्प्रभाव के कारण केंद्र और राज्य सरकार ने 10वीं और 12वीं की सीबीएसई, आईसीएसई और राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। ऐसे में अब अभिभावक परीक्षा शुल्क लौटाने की मांग कर रहे हैं। संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि परीक्षा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को विकल्प तलाशने की आवश्यकता थी लेकिन सवा सालों में कोई भी विकल्प नहीं तलाशे गए, केंद्र और राज्य सरकारों की इसी नाकामी के चलते अभिभावकों और विद्यार्थियों ने ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग करनी पड़ी।
संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि सत्र 2020-21 की परीक्षा निरस्त होने से बोर्डों को परीक्षा कार्यों में विभिन्न मदों में होने वाला व्यय जैसे परीक्षा केंद्रों का व्यय, परीक्षकों पर व्यय, उत्तर पुस्तिकाएं बनवाने और जांचने में होने वाला व्यय, परिवहन व्यय, परीक्षा केंद्रों की वीडियो, फोटोग्राफी का खर्च और अन्य प्रशासनिक खर्च इत्यादि की बचत हुई है। अभिषेक जैन ने कहा कि पिछले सवा में सरकार परीक्षा करवाने का विकल्प नहीं तलाश सकी यह सरकार की नाकामी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार ने छात्र हितों की दुहाई देकर परीक्षाएं निरस्त करने की घोषणा तो कर दी लेकिन अब तक परीक्षा शुल्क वापस लौटने के निर्णय पर कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। अकेले राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए प्रदेश के 21 लाख अभिभावकों से 140 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई थी, जबकि सीबीएसई बोर्ड ने करीबन 1500 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए हैं। राज्य का अभिभावक पहले ही ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं अब बोर्ड परीक्षाओं के शुल्क का संशय भी अभिभावकों के माथे पर डाला जा रहा है।