खून से बड़ा धर्म……बाप का उठा साया, किन्नरों ने निभाया मां-बाप का फर्ज़, धर्म की बेटी को दिया भरपूर दान-दहेज

Last Updated:March 22, 2025, 12:54 IST
प्यार हो तो ऐसा: गंगानगर जिले का अनिल जब दूल्हा बनकर लक्ष्मी से शादी करने सरदारशहर पहुंचा, तो भीकमसिंह कॉलोनी में किन्नर कोमल बाई के घर पर सभी रस्में कोमल बाई और मोनिका बाई ने मां की तरह निभाईं. उन्होंने हर परं…और पढ़ेंX
रस्म निभाती किन्नर
हाइलाइट्स
लक्ष्मी की शादी में किन्नरों ने निभाया मां-बाप का फर्ज़.कोमल बाई और मोनिका बाई ने लक्ष्मी को भरपूर दान-दहेज दिया.लक्ष्मी की शादी में किन्नरों ने हर रस्में मां की तरह निभाईं.
नरेश पारिक/चुरू. कहा जाता है कि प्रेम का रिश्ता खून के रिश्ते से भी बड़ा होता है, और चूरू के सरदार शहर में ऐसा ही नजारा देखने को मिला. तीन बहनों में सबसे बड़ी लक्ष्मी के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था. उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी धूमधाम से होगी, लेकिन 21 मार्च को यह सपना साकार हुआ. यह सब कोमल बाई किन्नर और मोनिका बाई किन्नर की बदौलत संभव हो पाया.
कोमल बाई किन्नर लक्ष्मी के जीवन में फरिश्ता बनकर आईं. जिस उत्साह और रीति-रिवाज से एक पिता अपनी बेटी की शादी करता है, उसी भावनाओं के साथ लक्ष्मी की शादी संपन्न हुई. हर पिता चाहता है कि उसकी बेटी की शादी में कोई कमी न रह जाए और अपनी हैसियत से बढ़कर खर्च करता है. यही भूमिका कोमल बाई किन्नर और मोनिका बाई किन्नर ने निभाई, जिससे लक्ष्मी का सपना साकार हो सका.
पिता की मौत के बाद पीहर रहने लगी मां कोमल बाई ने लक्ष्मी को अपनी धर्म की बेटी बना रखा है. जब शादी का समय आया, तो उन्होंने लक्ष्मी की पसंद की हर चीज खरीदी और दिल खोलकर खर्च किया. लक्ष्मी कहती हैं, “जिस तरह भगवान कृष्ण की दो माताएं थीं, उसी तरह मेरी भी दो मां हैं. कृष्ण को जन्म देवकी ने दिया, लेकिन उनका लालन-पालन यशोदा मां ने किया. 22 साल की लक्ष्मी तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं और उनका कोई भाई नहीं है. पिता के निधन के बाद उनकी मां सुनीता बेटियों को लेकर अपने पीहर में अलग मकान बनाकर रहने लगीं. उन्होंने लक्ष्मी को 12वीं तक पढ़ाया, जबकि उनकी दो छोटी बहनें अभी भी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं.
धर्म की बेटी की शादी का उठाया जिम्मा धर्म की बेटी लक्ष्मी की शादी में किन्नर कोमल बाई और मोनिका बाई ने वह सब कुछ दान-दहेज में दिया, जो एक मां-बाप अपनी बेटी की शादी में देने का सपना देखते हैं. शादी में सोने-चांदी के जेवरात, बर्तन, फर्नीचर, घरेलू सामान और कपड़े भेंट किए गए.
घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी
कोमल बाई और मोनिका बाई ने अपनी धर्म बेटी लक्ष्मी को बेटे से कम नहीं माना और उसे घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकाली. इस दौरान बिंदोरी में शामिल लोग जमकर डीजे पर डांस करते नजर आए और सभी ने इस पहल की भरपूर सराहना की.
दूल्हे की सास बनीं किन्नरगंगानगर जिले का अनिल जब दूल्हा बनकर लक्ष्मी से शादी करने सरदार शहर पहुंचा, तो भीकम सिंह कॉलोनी में किन्नर कोमल बाई के घर पर सभी रस्में मां बनकर कोमल बाई और मोनिका बाई ने निभाईं. शादी में टेंट और सुंदर डेकोरेशन किया गया और मेहमानों के लिए स्वादिष्ट पकवानों की व्यवस्था की गई. कोमल बाई और मोनिका बाई ने बताया कि जब वे खुशी के मौके पर बधाई लेने जाती हैं, तो जो उपहार स्वरूप मिलता है, वही उन्होंने लक्ष्मी की शादी में लगाया. उन्होंने इस शादी में वही सब करने की कोशिश की, जो एक मां-बाप अपनी बेटी की शादी में करते हैं.
Location :
Churu,Rajasthan
First Published :
March 22, 2025, 12:50 IST
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