Budget 2022 allocated to health sector unprecedented pm modi Nirmala Sitharaman corona pandemic nodrss

नई दिल्ली. कोरोना महमारी के बीच बजट 2022 (Budget 2022) में मोदी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र (Health Sector) के लिए आज बड़ा ऐलान कर सकती है. स्वास्थ्य क्षेत्र को वित्त मंत्रालय के द्वारा पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से कई रियायतें मिल रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) कोरोना काल में समय-समय पर इसकी जानकारी भी दे रही थीं. अब उन रियायतों को इस बजट में स्थाई करने का ऐलान किया जा सकता है. ऐसे में सभी को इंतजार है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री हेल्थ सेक्टर के लिए क्या ऐलान करती हैं? खासकर स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति को उदार बनाने के बाद इस बजट में उम्मीद की जा रही है कि घरेलू विनिर्माताओं के लिए कर लाभ समेत अन्य प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा हो.
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में देश में सिरिंज और पेसमेकर समेत स्वास्थ्य उपकरणों पर आयात शुल्क बढ़ाया था. आज पेश होने वाले बजट में मूल सीमा शुल्क को एक बार फिर से बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. इससे सिरिंजों के घरेलू विनिर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल पर लगने वाले शुल्क में और कमी आएगी. इसी तरह पेसमेकर के संबंध में भी आयातित कच्चे माल पर प्रतिपूर्ति शुल्क से छूट मिलनी चाहिए.

स्वास्थ्य उपकरण को लेकर हो सकते हैं बड़ा ऐलान
मोदी सरकार ने अपने पूर्व के बजट में स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी थी ताकि डायग्नास्टिक किट और अन्य उपकरणों के विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके. कोरोना काल में भी भारत ने वैश्विक स्तर पर फार्मा क्षेत्र में उल्लेखनीय स्थिति प्राप्त की है. हालांकि, स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र में यह उपलब्धि अभी भी नकाफी है.
हेल्थकेयर की क्वॉलिटी सुधारने पर जोर
गौरतलब है कि भारत में अब भी हेल्थकेयर की क्वॉलिटी और पहुंच दुनिया के 180 देशों की लिस्ट में 145वें नंबर पर आती है. नेशनल हेल्थ पॉलिसी के मुताबिक, 2025 तक पब्लिक हेल्थ पर देश की जीडीपी का 2.5 प्रतिशत रकम खर्च होनी चाहिए, लेकिन 2020-21 में यह 2 प्रतिशत से भी कम था. भारत इस मामले में दुनिया के सबसे खराब परफॉर्म करने वाले देशों में शामिल है. नतीजा यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च का दो तिहाई हिस्सा अभी मरीज अपनी जेब से खुद भरते हैं. एक अनुमान के मुताबिक जब स्वास्थ्य पर जीडीपी का 3 प्रतिशत हिस्सा खर्च होगा तो मरीज की जेब से खर्च का हिस्सा एक तिहाई ही रह जाएगा.

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बीते साल से ही भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र के चौतरफा विकास पर जोर देते हुए मोदी सरकार ने कोरोना महामारी के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने के लिए चिकित्सा उपकरण, बुनियादी ढांचे, वेंटिलेटर, वैज्ञानिक अनुसंधान, टीके, डॉक्टरों सहित सभी पहलुओं पर ध्यान दिया है. इस बजट में भी स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई बड़े ऐलान होने जा रहे हैं.
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