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Budha Pradosh fast will be observed on 7th February in Vajra Yoga and Purvashadha Nakshatra. – News18 हिंदी

कृष्ण कुमार गौड़/जोधपुर. जोधपुर फरवरी 2024 का पहला प्रदोष व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. यह व्रत बुधवार को होने के कारण बुध प्रदोष व्रत है. हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है. जिस दिन प्रदोष व्रत होता है, उस दिन का नाम प्रदोष व्रत के आगे जुड़ जाता है. जैसे बुधवार के दिन का प्रदोष बुध प्रदोष, शुक्रवार दिन का प्रदोष शुक्र प्रदोष, शनिवार के दिन का प्रदोष शनि प्रदोष कहलाता है. हालांकि, दिन के अनुसार प्रदोष व्रत के लाभ भी अलग-अलग होते हैं,

प्रदोष व्रत समय और तिथि
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि माघ माह के कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत फरवरी 7 को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत समय तिथि, त्रयोदशी तिथि आरंभ: 7 फरवरी, बुधवार, दोपहर 02:02 मिनट पर तो वहीं, त्रयोदशी तिथि समाप्त: 8 फरवरी, गुरुवार , प्रातः 11:17 मिनट पर रहेगी. ऐसे में प्रदोष व्रत 7 फरवरी दिन बुधवार को रखा जाएगा.

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त: सायं 06: 05 मिनट से रात 08: 41 मिनट तक है. शिव पूजा के लिए आपको ढाई घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा.

वज्र योग और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि प्रदोष व्रत वज्र योग और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन वज्र योग पूरे दिन रहेगा. 08 फरवरी, तड़के 02:53 से सिद्धि योग लगेगा वहीं, पूर्वाषाढा नक्षत्र 8 फरवरी को प्रातः 04:37 तक है. उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 05:22 से 06:14 तक है.

प्रदोष व्रत का महत्व
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषण डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्रदोष व्रत के महत्व का उल्लेख स्कंद पुराण में स्पष्ट रूप से किया गया है. ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ इस पूजनीय व्रत को करता है उसे संतोष, धन और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. सनातन धर्म में प्रदोष व्रत पर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है. इस दिन उपवास रखने के साथ यदि विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. जीवन में सभी परेशानियों दूर होती है और वैवाहिक जीवन में शांति बनी रहती है. पूजा के दौरान भगवान भोलेनाथ को आक के फूल, बेलपत्र, धूप, दीप, रोली, अक्षत, फल, मिठाई और पंचामृत आदि जरूर चढ़ाना चाहिए.

Tags: Jodhpur News, Local18, Rajasthan news, Religion

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