बूंदी राव सूरजमल हाड़ा छतरी विवाद, टकराव टला, मूल स्थान पर फिर बनेगी, विधि विधानपूर्वक किया शिलान्यास
बूंदी. बूंदी के 9वें शासक राव सूरजमल हाड़ा की तुलसी गांव में स्थित 600 वर्ष पुरानी रियासतकालीन छतरी तोड़ने का विवाद शांत हो गया है. छतरी को वापस उसी स्थान पर बनाया जाएगा. इसके लिए आज बूंदी के पूर्व राजपरिवार और राजपूत समाज के सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी में नई छतरी बनाने के लिए उसी जगह शिलान्यास किया गया. इस मामले को लेकर गुरुवार को कोटा-बूंदी सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में गतिरोध को समाप्त कर दिया गया. इस छतरी को कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) ने कोटा के न्यू ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए बीते दिनों तोड़ दिया था. उसके बाद स्थानीय लोगों में जबर्दस्त आक्रोश बना हुआ था.
आक्रोशित राजपूत समाज ने छतरी को वापस वहीं बनाने का अल्टीमेटम दे रखा था. इसके लिए 8 अक्टूबर को छतरी स्थल पर पहुंचने का आह्वान किया हुआ था. लेकिन उससे पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मामले में दखल देकर विवाद का निपटारा कराने में अहम भूमिका निभाई. इसके लिए गुरुवार को कोटा में प्रशासन और संघर्ष समिति के बीच वार्ता हुई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सानिध्य में कोटा कलेक्ट्रेट सभागार में बूंदी और कोटा कलक्टर की मजूदगी में एयरपोर्ट ऑथोरिटी तथा केडीए के तकनीकी अधिकारियों की संघर्ष समिति के साथ वार्ता हुई.
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वार्ता में इन मुद्दों पर बनी थी सहमतिवार्ता में तय किया गया कि शुक्रवार को दोपहर सवा 12 बजे मूल स्थान पर छतरी का शिलान्यास किया जाएगा. इसके साथ ही एयरपोर्ट के मुख्य गेट पर राव सूरजमल हाड़ा की अश्वारुढ़ प्रतिमा लगाई जाएगी. राव सूरजमल हाड़ा का पैनोरमा बनाया जाएगा. इसके साथ ही एयरपोर्ट का नामकरण भी राव सूरजमल हाड़ा के नाम पर करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव भेजा जाएगा. छतरी की डोली भूमी से प्रशासन अतिक्रमण हटाएगा.
पंडितों ने विधि विधानपूर्वक मंत्रोचार से भूमि पूजन करवायाउसके बाद तुलसी गांव में तोड़ी गई छतरी के मूल स्थान पर आज फिर से नई छतरी बनाने के लिए भूमि पूजन कर दिया गया. भूमि पूजन में कोटा और बूंदी के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के साथ बिग्रेडियर भूपेश सिंह हाड़ा समेत बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग मौजूद रहे. पंडितों ने विधि विधानपूर्वक मंत्रोचार से भूमि पूजन करवाया. इस मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. विवाद का शांतिपूर्वक निपटारा हो जाने से पुलिस प्रशासन ने महसूस की राहत सांस ली है.
तहसीलदार समेत गिरदावर और पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया थाउल्लेखनीय है कि छतरी तोड़ने के बाद ही केडीए तत्काल ही बैकफुट पर आ गया था. उसने इस मामले में इस मामले में लापरवाही बरतने वाले तहसीलदार समेत गिरदावर और पटवारी को सस्पेंड कर दिया था. लेकिन इससे स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने बड़े आंदोलन की चेतावनी देकर पुलिस प्रशासन की सांसें फूला दी. करणी सेना ने बूंदी कलेक्ट्रेट कार्यालय पर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया था. आंदोलन की आग भड़कते देख इस विवाद को निपटाने के लिए चौतरफा प्रयास किए गए.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 15:07 IST