Rajasthan

Bureaucrats were on target of MLAs in Congress session | कांग्रेस के अधिवेशन में विधायकों के निशाने पर रहे नौकरशाह, कार्यशैली पर उठाए सवाल

नौकरशाहों को राजनीतिक नियुक्तियां देने को लेकर भी विधायकों ने उठाए सवाल,मुख्यमंत्री के सलाहकार और विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा, सरकार कांग्रेस कार्यकर्ता बनाता है अधिकारी नहीं, सियासी संकट के दौरान विधायकों को प्रलोभन दिए गए लेकिन हम सरकार के साथ खड़े रहे

जयपुर

Updated: February 19, 2022 09:29:48 pm

जयपुर। सरकार के आगामी बजट पर सुझाव देने और सरकार के तीन साल के कामकाज पर चर्चा के लिए लंबे अर्से बाद हुए प्रदेश कांग्रेस के एकदिवसीय अधिवेशन में आज विधायकों ने नौकरशाहों को जमकर निशाने पर लिया। विधायकों ने ब्यूरोक्रेसी की की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए। कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल और मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक राजकुमार शर्मा ने नौकरशाहों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए राजनीतिक नियुक्तियों की देरी पर भी सवाल उठाए।

Congress session

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नौकरशाहों को नहीं दी जाए राजनीतिक नियुक्तियां
कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने रिटायर्ड नौकरशाहों को राजनीतिक नियुक्तियां देने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि नौकरशाहों को राजनीतिक नियुक्तियां देने की परंपरा बंद होनी चाहिए, नौकरशाह सरकार को सही फीडबैक नहीं देते हैं और सरकार में सही काम नहीं करते हैं जिसका लाभ भी जनता को नहीं मिल पाता है। गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि चुनाव के समय टिकट देने के लिए रिटायर नौकरशाहों को ढूंढा जाता है यह परंपरा भी बंद होनी चाहिए। पार्टी के ग्रास रूट्स वर्करों को आगे लाना चाहिए।

कार्यकर्ताओं के काम अटकाते हैं नौकरशाह
मुख्यमंत्री के सलाहकार और वरिष्ठ विधायक राजकुमार शर्मा ने भी राजनीतिक नियुक्तियों की दूरी पर सवाल खड़े किए। राजकुमार शर्मा ने कहा कि अगर राजनीतिक नियुक्तियां समय पर हो जाती तो 2 कार्यकर्ताओं को एक राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाता और दोनों का कार्यकाल पूरा हो जाता लेकिन 3 साल के बाद राजनीति नियुक्तियां हुई है जिससे कार्यकर्ताओं को ज्यादा काम करने का मौका नहीं मिल पाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार में अफसरों को महत्व मिलना बंद होना चाहिए और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सत्ता और संगठन में अहमियत मिलनी चाहिए। क्योंकि सरकार कांग्रेस का कार्यकर्ता बनाता है ना कि अधिकारी।राजकुमार शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं के भी परिवार होते हैं उनके निजी काम होते हैं, अगर कार्यकर्ता किसी काम से मंत्री के पास जाते हैं तो अधिकारी मंत्री को बरगला कर उस कार्यकर्ता के काम रोक देते हैं जिससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती है।

उन्होंने कहा कि सरकार में कार्यकर्ताओं को शंका की दृष्टि से देखना बंद होना चाहिए। राजकुमार शर्मा ने सियासी संकट की तरफ इशारा करते हुए कहा कि विधायकों को क्या-क्या प्रलोभन नहीं दिए गए, लेकिन हम सरकार के साथ खड़े रहे। इतने प्रलोभन में तो पति पत्नी को और पत्नी पति को छोड़कर चली जाती।

सीएम के सलाहकार विधायकों से संवाद खूब हो चुका है अब कार्यकर्ताओं से संवाद होना चाहिए और इसके लिए 1 दिन का अधिवेशन काफी नहीं है। कम से कम 3 दिन का अधिवेशन बुलाया जाना चाहिए जिसमें कार्यकर्ताओं से वन टू वन संवाद होना चाहिए।

महाराणा प्रताप ने स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी
अधिवेशन में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए हल्दी घाटी के युद्ध को लेकर उठे विवाद पर खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अकबर के साथ राणा प्रताप की लड़ाई धार्मिक नहीं, स्वाभिमान की लड़ाई थी। स्वाभिमान की इस लड़ाई को भाजपा और संघ के लोग धार्मिक रंग देते हैं।

कांग्रेस का माउथ मीडिया कमजोर
इससे पहले अधिवेशन की शुरुआत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा ने माना कि कांग्रेस का माउथ मीडिया यानी कांग्रेस कार्यकर्ता कमजोर हैं, और कार्यकर्ताओं को मजबूत और सजग करने की जरुरत है। डोटासरा ने कहा कि आज देश का अधिकांश मीडिया मोदी सरकार की गाथा गा रहा है, इसलिए हमें अपनी बात कहने के लिए मजबूत माउथ मीडिया की जरुरत है।

महाराणा प्रताप विवाद का दिखा असर
महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए हल्दीघाटी युद्ध को लेकर पीसीसी चीफ डोटासरा के बयान से शुरू हुए विवाद का असर भी नजर आया। अधिवेशन में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अपनी बात रखनी चाहिए, लेकिन कोई ऐसी बात ना करें जिससे भाजपा को बोलने का मौका मिले।

भाजपा के लोग नॉन इश्यू को भी इश्यू बना लेते हैं। पीसीसी चीफ ने कहा सरकार के संदर्भ में कोई बात रखनी है तो धैर्य से अपनी बात रखें। जो भी किसी के मन में कोई बात हो उसको बोले हम सुनने को तैयार हैं। सरकार के सिस्टम में भी कोई सुधार करने की जरूरत हो तो भी बताया जाए। आज सबको यहां से प्रण लेकर जाना है कि 2023 में सरकार फिर से रिपीट हो और 2024 के चुनाव में केंद्र से मोदी सरकार को उखाड़ फेका जाए।अधिवेशन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश, गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा, सहित गहलोत सरकार के अधिकांश मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे। वहीं प्रदेश प्रभारी अजय माकन वर्चुअल अधिवेशन से जुड़े।

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