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क्या डायबिटीज से कमजोर हो सकती है याददाश्त? शुगर लेवल का ब्रेन पर कैसा होता है असर, जानें हकीकत

Does Diabetes Raise Dementia Risk: डायबिटीज की बीमारी पूरी दुनिया में महामारी की तरह फैल रही है. भारत में डायबिटीज के मरीजों की तादाद 10 करोड़ के पार हो गई है और आने वाले कुछ सालों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ सकता है. डायबिटीज एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. शुगर लेवल हद से ज्यादा हो जाए, तो शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है. कई लोग मानते हैं कि डायबिटीज की वजह से ब्रेन की बीमारी डिमेंशिया का रिस्क बढ़ जाता है. क्या वाकई डायबिटीज डिमेंशिया की वजह बन सकती है?

हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज से डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है. डिमेंशिया एक प्रोग्रेसिव डिजीज है, जो ब्रेन को डैमेज करती है. इससे लोगों की याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगती है. वैज्ञानिकों की मानें तो हाई ब्लड शुगर भी ब्रेन के लिए नुकसानदायक हो सकता है. जब शुगर लेवल लंबे समय तक हाई रहता है, तो यह ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे लोगों की याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है. कई स्टडीज में पता चला है कि डायबिटीज से डिमेंशिया का जोखिम बढ़ जाता है.

टाइप 2 डायबिटीज से इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव भी बढ़ता है. इससे ब्रेन में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इप 2 डायबिटीज की वजह से मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं. कुछ रिसर्च में यह भी पाया गया है कि डायबिटीज मस्तिष्क में एमीलॉइड प्रोटीन का स्टोरेज बढ़ा सकती है, जो अल्जाइमर रोग के लक्षणों से जुड़ा हुआ है. हालांकि शुगर लेवल को कंट्रोल कर लिया जाए, तो डिमेंशिया का खतरा कम किया जा सकता है. अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज है, तो उसे अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए. रेगुलर एक्सरसाइज, बैलेंस्ड डाइट और अच्छी लाइफस्टाइल से डिमेंशिया से बचा जा सकता है.

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Tags: Diabetes, Health, Lifestyle, Trending news

FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 16:05 IST

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