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हड्डियों में भी हो सकता है कैंसर, कम उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा, डॉक्टर्स बोले- यह बीमारी रेयर, लेकिन जानलेवा

All About Bone Cancer: हड्डियों से जुड़ी कई बीमारियां होती हैं, जिनमें सबसे खतरनाक बोन कैंसर होता है. डॉक्टर्स की मानें तो जब हड्डियों की सेल्स अनकंट्रोल ग्रोथ करने लगती हैं, तब यह जानलेवा बीमारी हो जाती है. बोन कैंसर रेयर होता है, इसलिए ज्यादातर लोग इसे लेकर अनजान हैं. हालांकि यह कैंसर बेहद खतरनाक और जानलेवा हो सकता है. इससे बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए और समय-समय पर इलाज कराना चाहिए. बोन कैंसर क्या है और इसकी क्या वजह होती हैं, इन सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स से जानने की कोशिश करते हैं.

ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. हिमांशु त्यागी ने को बताया कि बोन कैंसर एक तरह का कैंसर है, जो हड्डियों की कोशिकाओं में शुरू होता है. यह अन्य कैंसर की तुलना में रेयर होता है. हड्डियों के 4 कॉमन कैंसर ऑस्टियोसारकोमा, इविंग सारकोमा, चोंड्रोसारकोमा और कॉर्डोमा हैं. भारत में ऑस्टियोसारकोमा और इविंग सारकोमा बच्चों और युवा वयस्कों को ज्यादा प्रभावित करते हैं. इन कैंसर की कोई सटीक वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन कई रिस्क फैक्टर्स इस बीमारी का खतरा बढ़ा देते हैं.

डॉक्टर हिमांशु के मुताबिक रेडिएशन एक्सपोजर, क्रोनिक इंफेक्शन, फैमिली हिस्ट्री, तंबाकू और शराब का सेवन, खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खान-पान जैसे फैक्टर्स बोन कैंसर की वजह बन सकते हैं. कई रिस्क फैक्टर्स सीधेतौर पर बोन कैंसर का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन इनडायरेक्टली इस बीमारी का जोखिम बढ़ा देते हैं. भारत में पर्यावरण और लाइफस्टाइल फैक्टर्स सीधे हड्डी के कैंसर का कारण नहीं बन सकते हैं, लेकिन वे जोखिम, डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट को प्रभावित कर सकते हैं. इसका सही समय पर पता लगाकर इलाज कराना बेहद जरूरी होता है, वरना यह मौत की वजह बन सकता है.

लंग्स में भी पहुंच सकता है बोन कैंसर

नई दिल्ली के MASSH सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. सुधीर सेठ ने को बताया कि बच्चों को बोन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. बच्चों की हड्डियों ग्रो करती हैं और इस दौरान कुछ बच्चों की सेल्स बिना लगाम के बढ़ने लगती हैं. इससे बोन डिस्ट्रॉय होने लगती हैं. अगर इसका सही समय पर पता न लगाया जाए, तो बोन कैंसर ब्लड के जरिए मेटासिस्टाइज होकर लंग्स और अन्य अंगों में भी पहुंच सकता है. बोन कैंसर कई तरह के होते हैं और इनमें कुछ बेहद खतरनाक होते हैं. इन कैंसर की चपेट में आने पर लोग सालभर के अंदर मौत का शिकार हो सकते हैं.

डॉक्टर सुधीर सेठ ने बताया कि हड्डी के कैंसर का पता लगाने के लिए हड्डियों का एक्सरे, एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग), सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन, हड्डी के स्कैन और बायोप्सी की जाती है. इस कैंसर के इलाज की बात करें, तो ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी का सहारा लिया जाता है. मरीज की कंडीशन के अनुसार इलाज किया जाता है. इस बीमारी का सही समय पर इलाज शुरू हो जाए, तो 80% मरीज 10 साल या इससे ज्यादा जिंदगी जी सकते हैं. हालांकि अगर कैंसर प्राइमरी हो, तो इससे मौत का खतरा ज्यादा होता है.

क्या बोन कैंसर से बचाव हो सकता है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बोन कैंसर से बचाव करने के लिए लोगों को रेडिएशन के एक्सपोजर से बचना चाहिए, अच्छी डाइट लेनी चाहिए, लाइफस्टाइल को बेहतर बनाना चाहिए. जिन लोगों को इस कैंसर की फैमिली हिस्ट्री हो, उन्हें समय-समय पर जांच करवानी चाहिए, ताकि वक्त रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके. हड्डियों में किसी भी तरह का इंफेक्शन हो जाए, तो डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराना चाहिए, क्योंकि हड्डियों का क्रोनिक इंफेक्शन इस कैंसर की वजह बन सकता है. सभी लोगों को अपनी हड्डियों का खयाल रखना चाहिए और किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए.

यह भी पढ़ें- जरा सा दौड़ते ही फूल जाती है आपकी सांस? क्या यह किसी बीमारी का संकेत, डॉक्टर से समझें असली वजह

Tags: Health, Lifestyle, Trending news

FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 17:38 IST

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