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आंध्र प्रदेश में GBS के मामले: स्वास्थ्य मंत्री सत्यकुमार यादव का बयान

Last Updated:February 18, 2025, 21:57 IST

GBS Virus Attack: आंध्र प्रदेश के मंत्री सत्यकुमार यादव ने कहा कि जीबीएस के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जीबीएस मरीजों का मुफ्त में इलाद कराया जा रहा है और इंजेक्शन भी उपलब्ध …और पढ़ेंGBS Virus: हाथों में ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान, इंजेक्शन की कीमत 20000

आंध्र प्रदेश में जीबीएस वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

आंध्र प्रदेश में जीबीएस वायरस के 43 मामले सामने आए हैं.जीबीएस वायरस से संक्रमित मरीजों का मुफ्त इलाज आरोग्यश्री के तहत हो रहा है.जीबीएस वायरस के इंजेक्शन की कीमत 20000 रुपए है.

GBS Virus: आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सत्यकुमार यादव ने खुलासा किया है कि राज्य में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इसे लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और कहा कि राज्य में जीबीएस रोगियों को आरोग्यश्री के माध्यम से निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने GBS मरीजों के लिए जरूरी इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए हैं.

खास बात यह है कि यह बताया गया कि इस रोग से पीड़ित कई लोगों के लिए यह रोग इलाज की जरूरत के बिना ही अपने आप ठीक हो जाता है. अभी तक पूरे राज्य में GBS के 43 मामले सामने आए हैं. इनमें से 17 का अभी इलाज चल रहा है. हमने अधिकारियों को पिछले साल और इस साल दर्ज सभी मामलों का विश्लेषण करने और इस बीमारी के फैलने के कारणों की पहचान करने का निर्देश दिया है. मंत्री ने कहा, “पूरे राज्य में GBS पीड़ितों के लिए काफी मात्रा में इंजेक्शन उपलब्ध हैं. इस बीमारी से संक्रमित 85 प्रतिशत लोग बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं. केवल 15 प्रतिशत को इंजेक्शन की आवश्यकता होती है.”

वर्तमान में अनंतपुर, गुंटूर, कडप्पा, काकीनाडा, राजमुंदरी और विशाखापत्तनम के सरकारी अस्पतालों में 749 इंजेक्शन उपलब्ध हैं. अतिरिक्त 469 इंजेक्शन स्टॉक में हैं. मंत्री ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सरकार और अधिक लोगों को उपचार उपलब्ध कराने के लिए तैयार है. GBS के प्रत्येक इंजेक्शन की कीमत 20,000 रुपये तक है. एक मरीज को प्रतिदिन 5 इंजेक्शन की जरूरत होती है. इलाज कुल 5 दिनों तक चलता है. हालांकि, सरकार लागत के बारे में सोचे बिना लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रही है.

GBS के लक्षणों के कारण कमलाम्मा नामक एक बुजुर्ग महिला की गुंटूर सरकारी अस्पताल में मृत्यु हो गई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य भर में स्थिति की समीक्षा और निगरानी के आदेश दिए. न्यूज18 तेलुगू के मुताबिक, सरकार ने स्पष्ट किया है कि GBS संक्रामक नहीं है. इस रोग के मामलों की संख्या में हाल ही में हुई वृद्धि ने जनता में चिंता पैदा कर दी है क्योंकि यह रोग एक लाख लोगों में से केवल एक को प्रभावित करता है.

आंध्र प्रदेश में GBS मामलों के आंकड़े क्या हैं?स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के छह जिलों में जीबीएस के मामले दर्ज किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि विजयनगरम, विजयवाड़ा और अनंतपुर में एक-एक मामला सामने आया है, काकीनाडा में चार मामले सामने आए हैं तथा गुंटूर और विशाखापत्तनम में पांच-पांच मामले सामने आए हैं.

GBS क्या है?गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ तंत्रिका (Nerve) संबंधी रोग है. यह तब होता है जब इम्यून सिस्टम नर्वस सिस्टम पर हमला करती है. ऐसा विशेष रूप से जीवाणुजन्य, विषाणुजनित संक्रमणों या कुछ टीकों के प्रभाव के कारण होने की संभावना होती है.

GBS के लक्षण क्या हैं?पैरों से शुरू होकर हाथों और चेहरे तक फैलने वाली कमज़ोरी. चलने में कठिनाई, मांसपेशियों में दर्द. गंभीर मामलों में पैरालिसिस भी मुमकिन है.


First Published :

February 18, 2025, 21:57 IST

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