Rajasthan

काजू-बादाम को फेल करता है राजस्थान का यह झाड़ियों में उगने वाला फल, कैल्सियम और मिनरल से है भरपूर

जयपुर. छोटे-छोटे हरे भरे रंग के आकार का केर फल किसी काजू बादाम से कम नहीं है. केर के पेड़ के फल को खास फल माना जाता है. खासतौर पर यह पेड़ उष्ण मरूस्थलीय भागों में आसानी से उग जाता है. इस पेड़ को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है. यह झाड़ीनुमा आकार में विकसित होता है.

इस पेड़ के फल की सब्जी, अचार बहुत स्वादिष्ट बनता है. इसके फल को सुखाकर भी उपयोग में लिया जाता है. इस फल की तासीर ठंडी होती है. इस पेड़ में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. आयुर्वेद में इस पेड़ की सबसे ज्यादा मांग रहती है. इसके जड़ से चूर्ण बनाया जाता है. इस पेड़ को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला पेड़ भी कहा गया है

कैसे करें केर का इस्तेमालआयुर्वेदिक डॉक्टर पिंटू भारती ने बताया कि सबसे पहले इस पेड़ के फल को तोड़कर सुखा लेना चाहिए. फिर उसके बाद चूर्ण बनाकर खाली पेट खाने से कई बीमारियों में राहत मिलती है. इस फल का सब्जी अचार भी बहुत स्वादिष्ट होता है. इस फल के डेंटल का चूर्ण भी बहुत फायदेमंद होता है जो कफ और खांसी में आराम देता है. केर के पेड़ की छाल के चूर्ण से पेट साफ रहता है इसके पेट की कब्ज भी दूर हो जाती है. इस पेड़ के लगातार इस्तेमाल से कई बीमारियों में राहत मिलती है. खासतौर पर केर सांगरी की सब्जी बहुत पसंद की जाती है.

केर के औषधीय गुण 1.पोषक तत्वों से भरपूर : केर में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं इस फल में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, और कार्बोहाइड्रेट्स जैसे पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं.

2. पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है : केर का लगातार सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में सहायक होता है. यह फल गैस, अपच जैसी समस्याओं से तुरंत राहत दिलाने वाला फल है.

3.रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम : केर में मौजूद ज़िंक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. इस फल के लगातार सेवन से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा होती है.

4. मधुमेह के नियंत्रण में उपयोगी : केर के छाल का चूर्ण डायबिटीज कंट्रोल करने में सबसे उपयोगी फल माना जाता है.

5. खांसी में राहत दिलाने में सहायक : केर के डंठल से बने चूर्ण का सुबह खाली पेट सेवन करने से कफ़ और खांसी में तुरंत आराम मिलता है. यह फल खांसी के रोगियों के लिए रामबाण इलाज वाला माना जाता है.

6. फोड़े फुंसी के इलाज में सहायक: केर के कोमल पत्तों और टहनियों को पीसकर पाउडर बनाकर फोड़े, सूजन या छालों पर लगाया जाता है इसे तुरंत आराम मिलता है.

7. दांत के दर्द को दूर भगाने में सहायक:  केर के पेड़ की टहनी को लगातार चबाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है. साधारणतः मरुस्थलीय भाग में इस पेड़ की टहनी को औषधि गुणों से भरपूर माना जाता है.

Tags: Health News, Jaipur news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 20:00 IST

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