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CBSE 10th board result: जिस स्कूल में पिता टीचर, वहीं बेटी ने किया टॉप, AI में हासिल किए 100% नंबर

Last Updated:May 16, 2025, 11:53 IST

शिप्रा अग्रवाल ने करौली जिले में सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 95.4% अंक प्राप्त कर टॉप किया. उन्होंने सेल्फ स्टडी से 500 में से 477 अंक हासिल किए. शिप्रा का सपना एस्ट्रोनॉट बनने का है.X
सीबीएसई
सीबीएसई 10th बोर्ड रिजल्ट 

हाइलाइट्स

शिप्रा अग्रवाल ने 10वीं बोर्ड में 95.4% अंक प्राप्त किए.शिप्रा ने AI में 100 में से 100 अंक हासिल किए.शिप्रा का सपना भविष्य में एस्ट्रोनॉट बनने का है.

करौली. सीबीएसई बोर्ड द्वारा हाल ही में जारी किए गए 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में करौली जिले में सर्वाधिक स्कोर शिप्रा अग्रवाल ने हासिल किया है. जिले में सबसे ज्यादा 95.4% अंक प्राप्त कर शिप्रा अग्रवाल न सिर्फ स्कूल टॉपर बनीं, बल्कि जिला टॉपर का खिताब भी अपने नाम किया. शिप्रा ने 500 में से 477 अंक सेल्फ स्टडी के बल पर प्राप्त किए हैं. खास बात यह है कि जिस स्कूल से उन्होंने परीक्षा दी और टॉप किया, उसी स्कूल में उनके पिता भी कार्यरत हैं.

शिप्रा करौली के पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय की छात्रा हैं. उनके उत्कृष्ट परिणाम से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है. शिप्रा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, स्कूल के शिक्षकों और विशेष रूप से अपने दादाजी को दिया है.

बिना टाइम टेबल के की थी पढ़ाईलोकल 18 से खास बातचीत में शिप्रा ने बताया कि उन्होंने कोई निश्चित टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई नहीं की. उन्होंने पूरे साल टॉपिक के अनुसार पढ़ाई जारी रखी. वह कभी भी घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं करती थी. शिप्रा का कहना है कि उन्होंने हर विषय के टॉपिक को अच्छे से समझ कर अध्ययन किया.

AI में हासिल किए शत-प्रतिशत अंकपीएम श्री केंद्रीय विद्यालय की छात्रा शिप्रा अग्रवाल ने सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में ऑप्शनल सब्जेक्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में 100% अंक हासिल किए हैं. इसके अलावा हिंदी और इंग्लिश दोनों विषयों में उन्होंने 100 में से 99 अंक प्राप्त किए हैं. साइंस में भी शिप्रा ने 100 में से 97 अंक हासिल किए.

बोर्ड एग्जाम से घबराएं नहीं छात्रशिप्रा ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि छात्रों को बोर्ड परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए. उनका मानना है कि 10वीं बोर्ड को लेकर अनावश्यक तनाव नहीं लेना चाहिए. जैसे हम अन्य कक्षाओं में पढ़ाई करते हैं, वैसे ही नियमित पढ़ाई 10वीं में भी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कई बार ‘बोर्ड परीक्षा’ शब्द सुनते ही छात्रों के मन में डर बैठ जाता है, जिससे परीक्षा पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.

भविष्य में एस्ट्रोनॉट बनने का सपनाशिप्रा का मानना है कि उनकी सफलता में उनके माता-पिता का अहम योगदान रहा है. उनके माता-पिता दोनों ही अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं, जिनसे उन्हें समय-समय पर पढ़ाई में सहायता मिलती रही. जब भी उन्हें किसी टॉपिक या प्रश्न में कठिनाई होती थी, उनके माता-पिता सरल भाषा में समझाकर उनके कॉन्सेप्ट क्लियर करते थे. इसी निरंतर मार्गदर्शन का परिणाम है कि शिप्रा ने इतना अच्छा परिणाम हासिल किया है. शिप्रा ने बताया कि उनका सपना भविष्य में एस्ट्रोनॉट बनने का है और वे इसरो में काम करना चाहती हैं.

authorimgMohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

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